अल्मोड़ा हादसा- निलंबित किए गए दो प्रभारी एआरटीओ में से एक पर पहले भी हो चुकी कार्रवाई

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अल्मोड़ा के मारचूला में हुए दर्दनाक बस हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। परिवहन आयुक्त ने घटना की पूरी जांच के लिए उप परिवहन आयुक्त के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय जांच दल घटनास्थल पर रवाना कर दिया है, जो अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपेगा।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिव परिवहन ने दो एआरटीओ (अपर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) को निलंबित किया है। इनमें से एक पूर्व में भी धूमाकोट हादसे में भी निलंबित किए जा चुके हैं।

मारचूला बस हादसे के संबंध में परिवहन सचिव बृजेश संत ने प्रभारी एआरटीओ (प्रवर्तन) पौड़ी कुलवंत सिंह और प्रभारी एआरटीओ रामनगर नेहा झा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। दोनों अफसरों पर अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाने में लापरवाही बरतने का आरोप है, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई। इन दोनों अधिकारियों को अब देहरादून स्थित परिवहन आयुक्त कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया है।  

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सचिव परिवहन के निर्देश पर, संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने एक चार सदस्यीय जांच दल गठित किया है। इस दल की अगुवाई उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा करेंगे, जिसमें लोनिवि के सहायक निदेशक संजय बिष्ट, परिवहन के सहायक निदेशक नरेश संगल और पुलिस विभाग के सहायक निदेशक अविनाश चौधरी भी शामिल हैं। इसके अलावा, इस दल में जेपी रिसर्च इंडिया के विशेषज्ञ प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। यह दल दुर्घटना स्थल का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को सौंपेगा।  

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इससे पहले, प्रभारी एआरटीओ रामनगर नेहा झा को जुलाई 2018 में हुए धुमाकोट बस हादसे में भी निलंबित किया गया था। उस हादसे में 48 लोगों की मौत हुई थी और 12 लोग घायल हुए थे। हालांकि, जांच के बाद उनके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो पाए थे, और उनका निलंबन बहाल कर दिया गया था।  

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मारचूला हादसे के बाद की गई यह कार्रवाई यह साबित करती है कि राज्य सरकार गंभीरता से हादसों की जांच और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने में लगी है। दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही पर कार्रवाई कर सरकार यह संदेश दे रही है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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