राज्य में इंसानों के लिये चलने वाली 108 एंबुलेंस की तर्ज पर अब जल्द ही बीमार पशुओं का घर पर इलाज करने के लिए एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी। बता दे कि इंसानों के संचालित 108 एंबुलेंस की तर्ज पर पहली बार राज्य में पशु चिकित्सा के लिए एंबुलेंस चलाई जाएगी। इसके लिए पहले चरण में 60 पशु चिकित्सा एंबुलेंस खरीदने के लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
टोल फ्री नंबर पर कॉल करने से किसानों को घर पर ही बीमार पशु का इलाज कराने के लिए एंबुलेंस सेवा मिलेगी।
राज्य में खेती किसानी और पशुपालन लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है। 8.5 लाख किसान परिवार पशुपालन से जुड़े हैं। जिनकी बड़े पशु (गाय व भैंस) का पालन से आजीविका चलती है।
प्रदेश में लगभग 27 लाख बड़े पशु हैं। इसके अलावा दो लाख परिवार छोटे पशु (भेड़, बकरी, सुअर, घोड़े, खच्चर) का व्यवसाय कर रहे हैं। प्रदेश में अभी तक बीमार पशु का घर द्वार पर इलाज कराने की सुविधा नहीं है।
किसानों को बीमार पशु को उपचार के लिए पशु चिकित्सालय या पशु सेवा केंद्र में ले जाना पड़ता है। जिससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
प्रदेश सरकार का पशुपालन व्यवसाय में रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए पशुपालकों को समस्याओं का समाधान करने पर फोकस है।पहले चरण में 60 पशु चिकित्सा एंबुलेंस खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। सभी जिलों को ये एंबुलेंस दी जाएगी। प्रत्येक एंबुलेंस में दो पशु चिकित्सा डॉक्टर तैनात किया जाएगा।
इसके लिए सरकार पहली बार पशुपालकों को घर पर भी बीमार पशुओं के इलाज की सुविधा देने जा रही है।


