आज के समय में भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाने केे लिए काफी शातिर लोग प्लेन बनाए बैठे हुए हैं जिसकी वजह से कई बार भोली-भाली जनताा इनके वाला बिछाए गए जाल में फंस जाती है इसी को लेकर उत्तराखंड पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। उत्तराखंड पुलिस की साइबर विंग और एसटीएफ ने चाइनीज फर्जी लोन एप्स के माध्यम से 300 करोड़ रुपए की ठगी का खुलासा किया है।
बुधवार को उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी है। डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक कुछ दिनों पहले देहरादून की एक महिला ने बीते दिसंबर में अपने साथ फर्जी लोन एप्स के जरिए 17 लाख रुपए की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। भारत सरकार के NCRP पोर्टल पर भी शिकायतें हैं।
इसके बाद साइबर पुलिस एक्टिव हुई तो पता चला कि ऐसी ही सैंकड़ों शिकायतें देश के अलग अलग थानों में दर्ज हो रहीं हैं। साइबर पुलिस और एसटीएफ ने काम शुरु किया और तकनीक का इस्तमाल करते हुए कुछ फर्जी लोन एप्स के बारे में पता लगाया। इसके साथ ही कॉल सेंटर्स के बारे में जानकारी मिली।
इन्ही सारे इनपुट्स पर काम करते हुए साईबर पुलिस और एसटीएफ ने गुरुग्राम से अंकुर ढींगरा को गिरफ्तार किया। अंकुर संगठित रूप से फर्जी लोन एप्स के जरिए हो रही धोखाधड़ी नेटवर्क का सरगना बताया जा रहा है। पूछताछ में पांच अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी मिली है।
इन ऐप्स से बचकर
पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी ने Hector Lendkaro Private Limited नाम की एक कंपनी बनाई और इसके जरिए 15 एप्स संचालित कर रहा है। इन एप्स के नाम हैं – RupeeGo, Rupee Here, LoanU, QuickRupee, Punch Money, Grand Loan, DreamLoan, CashMO, Rupee MO, CreditLoan, Lendkar, RockOn, HopeLoan, Lend Now, Cashfull एप
मेड इन चाइना एप्स, हांगकांग में सर्वर, भारत में ठगी
फर्जी लोन एप्स के जरिए हो रही धोखाधड़ी के तार भारत से लेकर चीन, हांगकांग तक फैला है। अधिकतर फर्जी लोन एप्स को चीन में बनाया गया है और उनका अधिकतर डेटा हांगकांग में है। जबकि इन्हें बड़े पैमाने पर भारत में ऑपरेट किया जा रहा है। भारत में सोशल मीडिया पर इनका खूब प्रचार प्रसार किया जा रहा है और लोगों को झांसे में फंसाया जा रहा है।


