बड़ी खबर-(उत्तराखंड) यहाँ डीएम ने जारी किया ये आदेश, पढ़े

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ग्रीष्मकालीन धान की खेती के मृदा स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने हेतु कार्यालय पत्रांक 2473 दिनांक 29 नवम्बर 2024 से जनपद उधमसिंहनगर में ग्रीष्मकालीन धान की खेती को प्रतिबन्धित किया गया है। कतिपय कृषक एवं कृषक संगठनों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से वर्ष 2024-25 हेतु ग्रीष्मकालीन धान को न लिये जाने के क्रम में फसल चक्र नहीं अपना पाने के कारण वर्ष 2024-25 में सरसों, लाही, मटर आदि फसल लेने के उपरान्त खाली हो रहे खेतों में माह मार्च तक ग्रीष्मकालीन धान लगाने की अनुमति प्रदान करने के संबन्ध में अनुरोध किया गया।

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जिसके कम में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा कृषक हित में माह मार्च 2025 तक प्रतिबन्ध के साथ अनुमति प्रदान की गयी है।

उक्त क्रम में ऐसे कृषक जो ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलें ले पाने की स्थिति में नहीं हैं, उनको इस प्रतिबन्ध के साथ अनुमति प्रदान की जाती है कि वे ग्रीष्मकालीन धान को लगाने हेतु अपनी खेती के क्षेत्रफल के साथ अपने निकटस्थ कार्यालय यथा कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय, खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय आदि के माध्यम से इस आशय का स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र देगें जिसमें यह स्पष्ट उल्लेख होगा कि उनके द्वारा, अगर, मात्र धान की नर्सरी डाली गयी है तो उसका क्षेत्रफल क्या है एवं यदि ग्रीष्मकालीन धान की खेती की जा रही है तो कुल कितने क्षेत्रफल में खेती की जायेगी साथ ही घोषणा पत्र में यह भी इंगित करना आवश्यक होगा कि उनके द्वारा वर्ष 2025-26 से ग्रीष्म कालीन धान नहीं लगाया जायेगा तथा ग्रीष्म कालीन धान पर प्रतिबन्ध का पूर्ण पालन करते हुये प्रशासन को सहयोग प्रदान किया जायेगा।

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यह अनुमति मात्र एक बार के लिये वर्ष 2024-25 हेतु 31 मार्च 2025 तक के लिये प्रदान की जा रही है। गेहूँ कटाई के उपरान्त 01 अप्रैल 2025 के बाद एवं 01 जून 2025 के मध्य धान रोपाई कार्य पूर्ण रुप से प्रतिबन्धित रहेगा जिसका पालन करना जनपद के समस्त कृषकों के लिये अनिवार्य होगा। 01 अप्रैल 2025 के बाद एवं 30 अप्रैल 2025 तक धान की नर्सरी लगाना या होना पूर्ण रुप से प्रतिबन्धित रहेगा। समस्त कृषकों से अनुरोध है कि वे अपनी खेती एवं पर्यावरण को बचाने सम्बन्धी महत्वपूर्ण कार्य में अपना सहयोग प्रदान करेंगे।

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(नितिन सिंह भदौरिया) जिला मजिस्ट्रेट, उधमसिंहनगर

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