देहरादून। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत को दुनिया का विकसित देश बनाना इस बजट का एजेंडा है। भारत की विकास दर क़रीब 7% होने वाली है। कहा कि उत्तराखंड के प्रतिभा संपन्न नौजवान एग्रीकल्चर में सक्रिय हों और स्टार्ट–अप का लाभ उठाएं।
भाजपा मुख्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुये केंद्रीय बजट 2023–2024 की खूबियां बताई। हाईकमान ने ये योजना बनाई है कि मंत्रियों पूर्व मंत्रियों को देशभर में लोगों को बजट की खूबियां बतानी हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये बजट सर्वव्यापी, सर्व स्पर्शी है। उन्होंने केंद्रीय बजट 2023-24 को समावेशी, जन-केंद्रित और विकास-उत्प्रेरक बजट बताया है। उन्होंने कहा कि ये अमृतकाल बजट सभी को शामिल करता है, गरीब और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाता है, अंतिम छोर तक भी पहुंचता है और सभी को खुशियां देता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता, अनुसंधान एवं विकास, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, हरित विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाला ये बजट ‘इंडिया ऐट 100’ के लिए एक बहुत बारीक ब्लूप्रिंट तैयार करता है। ये भारत को प्रौद्योगिकी संचालित ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में तब्दील करने के लिए एक ठोस नींव रखता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत अमृत काल का पहला बजट एक समृद्ध और समावेशी भारत की परिकल्पना करता है, जिसमें विकास का लाभ सभी वर्गों और नागरिकों, विशेषकर हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, ओबीसी, एससी और एसटी तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाला यह बजट भारत को नए युग के बुनियादी ढांचे से समृद्ध करेगा, आयात में कमी लाएगा और भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण के साथ हमारे ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करेगा। यह बजट 7 प्राथमिकताओं- समावेशी विकास, सुदूर क्षेत्र तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा व निवेश, क्षमता को सामने लाना, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्त क्षेत्र को अपनाता है, जो एक दूसरे के पूरक हैं और एक सप्त ऋषि के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ के माध्यम से ‘जनभागीदारी’ जरूरी है, अमृत काल के लिए हमारी सोच में मजबूत सार्वजनिक वित्त व एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ एक तकनीक-संचालित और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है। अमृत काल का विजन एक सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था को प्रतिबिम्बित करेगा। उन्होंने कहा कि हमने एक समृद्ध और समावेशी भारत की परिकल्पना की है जिसमें विकास के फल सभी क्षेत्रों और नागरिकों विशेष रूप से हमारे युवाओं, महिलाओं, अन्य पिछड़ा वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक पहुंचे। अमृत काल के लिए हमारे विजन में प्रौद्योगिकी-चालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल हैं जो मजबूत लोक वित्त और एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र से युक्त है।