सहकारिता विभाग में कैडर सचिवों की नियमावली बनाने का काम जारी है। नई नियमावली में कैडर सचिव को राजस्व विभाग के पटवारियों के जैसे अधिकार दिए जाने की बात कही जा रही है। इसके लिए विभाग की ओर से सुझाव मांगे गए थे, जिसकी अवधि एक सप्ताह और बढ़ा दी गई है। कैडर सचिव नियमावली बन जाने से कैडर सचिवों की पदोन्नति, स्थानांतरण, नियुक्ति में पारदर्शिता आएगी।
उत्तराखंड को अलग राज्य बने 22 साल हो गए, लेकिन अभी तक प्रदेश में सहकारी समिति में तैनात सचिव उत्तर प्रदेश के ही नियमों के हिसाब से काम कर रहे हैं जबकि यहां की भौगोलिक स्थितियां विपरीत हैं। इसको देखते हुए सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की ओर से कैडर सचिवों की नई नियमावली बनाने के निर्देश दिए थे।
इन कामों में कैडर सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आम व्यक्ति भी कार्यालय निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड, निकट रेलेवे क्रासिंग, तुनवाला रोड, मियांवाला, देहरादून और ई- मेल resuttarakhand @gmail.com में पर अपने सुझाव दे सकता है। निबंधक सहकारी समितियां आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि एक सप्ताह बाद प्राप्त होने वाले सुझावों, प्रत्यावेदनों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।
इसके बाद रजिस्ट्रार आलोक कुमार पांडेय की ओर से 15 दिन का समय देते हुए सुझाव आमंत्रित किए गए थे। जिसका समय एक सप्ताह और बढ़ा दिया गया है। राज्य में 670 बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियां (एमपैक्स) हैं। गांव में खाद, बीज, ऋण, कृषि, उद्यान, मछली, भेड़ बकरी, शहद, अदरक, मशरूम के बीज इन्हीं समितियों के माध्यम से ग्रामीणों तक पहुंचते हैं।


