यहां आयोजित किया गया चिंतन शिविर, पीएम मोदी ने किया संबोधित, कही ये बात

ख़बर शेयर करें -

हरियाणा में गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर का आयोजन किया गया है इस शिविर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सभी राज्य देश की बेहतरी के लिए मिलजुल कर काम करें. देशवासियों के प्रति ये राज्यों का दायित्व है. उन्होंने कहा कि हर एक राज्य एक दूसरे से सीखे, प्रेरणा ले. पीएम मोदी ने कहा कि UAPA जैसे कानून ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है.

इस दौरान पीएम मोदी ने सभी राज्यों को पुलिस के लिए ‘वन नेशन, वन यूनिफॉर्म’ लाने के लिए विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, हो सकता है कि इसमें 5, 50 या 100 साल लगें, लेकिन हमें इसपर विचार करना चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा कि विभिन्न चुनौतियों के बीच त्योहारों के दौरान देश की एकता को मजबूत करना आपकी तैयारियों का प्रतिबिंब है. कानून और व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है लेकिन ये देश की एकता और अखंडता से भी जुड़ी हुई हैं.

यह भी पढ़ें 👉  बिग ब्रेकिंग-उत्तराखंड STF की ANTF टीम का नशा तस्करों पर कड़ा प्रहार,करीब 90 लाख रूपये की स्मैक के साथ एक नशा तस्कर गिरफ्तार

पीएम ने कहा कि कई बार केंद्रीय एजेंसियों को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है, दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है, इसलिए हर राज्य का दायित्व है कि चाहे राज्य की एजेंसी हो, चाहे केंद्र की एजेंसी हो, सभी एजेंसियों को एक-दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नोलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा. स्मार्ट टेक्नोलॉजी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गृहमंत्रियों का ये चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक अच्छा उदाहरण है. राज्य एक-दूसरे से सीख सकते हैं, एक-दूसरे से प्रेरणा ले सकते हैं और देश की बेहतरी के लिए मिलकर काम कर सकते हैं. यह संविधान की भावना है और हमारे नागरिकों के प्रति हमारा कर्तव्य है.

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर-उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने इस परीक्षा के इन अभ्यर्थियों के लिए दी अपडेट

पीएम ने कहा कि आजादी का अमृतकाल हमारे सामने हैं. आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं. ये अमृत पीढ़ी ‘पंच प्राणों’ के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी.

पीएम ने कहा कि संविधान में भले कानून और व्यवस्था राज्यों का दायित्व है, लेकिन ये देश की एकता-अखंडता के साथ भी उतने ही जुड़े हुए हैं, हर एक राज्य एक दूसरे से सीखें, एक दूसरे से प्रेरणा लें.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की बेहतरी के लिए काम करें, ये संविधान की भी भावना है और देशवासियों के प्रति हमारा दायित्व है.

हरियाणा के सूरजकुंड में दो दिन का चिंतन शिविर

गृह मंत्रियों का यह चिंतन शिविर 27 और 28 अक्टूबर को हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित किया जा रहा है. इस शिविर में कई राज्यों के मुख्यमंत्री, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सीएपीएफ और सीपीओ के महानिदेशक भी शामिल हुए हैं.

पीएमओ द्वारा जारी बयान के मुताबिक, गृह मंत्रियों का यह चिंतन शिविर स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पंच प्रण के अनुरूप आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नीति निर्माण को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करने का प्रयास है. यह शिविर, केन्द्र और राज्य स्तर पर विभिन्न हितधारकों के बीच योजना और समन्वय के मामले में अधिक तालमेल सुनिश्चित करेगा. इस शिविर में पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, साइबर अपराध प्रबंधन, आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा, महिला सुरक्षा, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी अन्तर्राष्ट्रीय स्टेडियम की सुरक्षा के लिए मुख्य सचिव ने दिए ये निर्देश

पीएम ने कहा कि इन पंच प्राणों का महत्व आप सभी भली भांति जानते हैं, समझते हैं. ये एक विराट संकल्प है, जिसको सिर्फ और सिर्फ सबके प्रयास से ही सिद्ध किया जा सकता है.

1- विकसित भारत का निर्माण
2- गुलामी की हर सोच से मुक्ति
3- विरासत पर गर्व
4- एकता और एकजुटता
5- नागरिक कर्तव्य