महिलाओं ने जुलूस निकाल कर दिया धरना
दोषी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की मांग
रामनगर। कॉर्बेट हलचल
उत्तरकाशी के हेलंग गांव की घसियारी महिलाओं से जबरन घास छीनने और पुलिस द्वारा उन्हें छह घंटे तक गैर कानूनी हिरासत में रखने के खिलाफ रामनगर में आक्रोशित महिलाओं ने शहीद पार्क से महिला एकता मंच के बैनर तले जुलूस निकाला और पुरानी तहसील पर धरना देकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
उत्तराखंड की महिलाओं की लड़ाई
सभा का संचालन करते हुए महिला एकता मंच की सयोजिका ललिता रावत ने कहा कि हेलंग गांव में महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार व उत्पीड़न की घटना उत्तराखंड की महिलाओं का अपमान है। अब यह लड़ाई केवल हेलंग गांव के लोगों की नहीं है बल्कि पूरे उत्तराखंड के महिलाओं की बन चुकी है। घटना को तीन सप्ताह बाद भी सरकार ने अभी तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं की है।
गांवों के हक़ छीन रही सरकार
सभा में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ललित उप्रेती ने कहा कि महिलाएं सदियों से अपनी जरूरतों के लिए जंगलों से चारा पत्ती आदि लाती रही हैं। भाजपा सरकार की शह पर हेलंग में जल विद्युत कंपनी द्वारा ग्रामीणों के गौचर पर मिट्टी डालकर उनके अधिकारों को खत्म करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि चिपको आंदोलन की धरती पर हेलंग गांव के महिलाओं के संघर्ष कि समूचे उत्तराखंड की जनता को समर्थन करना चाहिए।
बिजली परियोजनाओं से पर्यावरण को नुकसान
समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार ने कहा उत्तराखंड की नदियों पर जल विद्युत परियोजनाएं लगाकर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। टीएचडीसी खेल का मैदान बनाने के नाम पर ग्रामीणों के हरे-भरे जंगलों व उनके गोचर को बर्बाद कर रही है। उन्होंने कहा कि अलकनंदा का पानी डायवर्ट करने के लिए 13.5 किलोमीटर लंबी टनल खोदी जा रही है और उसे खोदने के लिए विस्फोटक इस्तेमाल किए जा रहे हैं। जिससे पर्यावरण को बेहद नुकसान हो रहा है।
जल जंगल जमीन पर हमारा हक
इस मौके पर सरस्वती जोशी ने कहा कि जल जंगल जमीन पर हमारा अधिकार है जब तक पुलिस प्रशासन व सी आई एस एफ के कर्मचारियों को बर्खास्त नही किया जाएगा तब तक हमारा आन्दोलन जारी रहेगा। इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल आदि ने भी सभा को संबोधित किया।
इनका समर्थन