देवकी महरा को मिला चौथा मथुरादत्त मठपाल स्मृति साहित्य सम्मान…

ख़बर शेयर करें -

Corbetthalchal-कुमाउनी कवयित्री देवकी महरा को चौथा मथुरादत्त मठपाल स्मृति साहित्य सम्मान दिया गया। आनंदा एकेडमी, डहरिया,हल्द्वानी में हुए एक भव्य कार्यक्रम में उपरोक्त सम्मान दिया गया। साहित्य अकादमी प्राप्त कुमाउनी के वरिष्ठ साहित्यकार मथुरादत्त मठपाल की याद में उनके देहावसान के बाद विगत 4 वर्षों से कुमाउनी भाषा,साहित्य में काम करने वाले साहित्यकारों को यह साहित्य सम्मान दिया जाता है।


सम्मान समारोह में मथुरादत्त मठपाल एवं देवकी मेहरा के साहित्य पर विस्तार से बातचीत होने के साथ साथ पहरू पत्रिका के संपादक हयात सिंह रावत ने श्रीमती मेहरा से उनके जीवन एवं लेखन के विविध पहलुओं
पर विस्तार से बात की।


कार्यक्रम में उत्तराखंडी चिनाण पछयाण को रेखांकित करने वाली त्रैमासिक कुमाउनी पत्रिका दुदबोली के नवीनतम अंक जुलाई,सितम्बर 25 का विमोचन भी किया गया।यह अंक मुख्य रूप से मुख्य रूप से कुमाउनी के वरिष्ठ कवि गोपाल दत्त भट्ट पर केंद्रित है।अंक में देवकी महरा के साहित्य कर्म पर भी पर्याप्त सामग्री है।


कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक गायिका बीना तिवारी ने की।
कार्यक्रम का आधार वक्तव्य रखते हुए प्रो गिरीश चंद पंत ने कहा मथुरादत्त मठपाल ने कुमाउनी साहित्य को कौतिकी साहित्य से गंभीर साहित्य की ओर बढ़ाया।उन्होंने कहा मूल रूप से शिक्षिका रही श्रीमती देवकी महरा का रचना संसार बहुत विस्तृत है। प्रो दीवा भट्ट ने कहा उनकी कविताओं में पहाड़ की महिलाओं का दर्द मौजूद है तो प्रकृति से प्रेम भी।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तरकाशी में भूस्खलन से मचा हड़कंप, लेबर कैंप चपेट में – 10 श्रमिकों को बचाया गया, 9 अब भी लापता

उन्होंने लंबे समय तक शिक्षा विभाग में रहते हिंदी और कुमाउनी में कविता, गीत, कहानी, उपन्यास में लगभग एक दर्जन रचनाएं की हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी उनकी रचनाओं और वार्ताओं का प्रसारण हुआ। उनकी मुख्य कृतियों में ‘प्रेमांजलि’, ‘स्वाति’, ‘नवजागृति’ (काव्य संग्रह), ‘सपनों की राधा’, ‘आखिरी पड़ाव’ (उपन्यास), ‘निशास’, ‘यादों की बर्यात’, ‘पराण-पुतुर’ (कुमाउनी काव्य संग्रह) प्रकाशित हुए हैं। ‘प्रीत के गीत’, ‘पछ्याण’, ‘किरमोई तराण’ जैसे संयुक्त काव्य संग्रहों में उनकी कविताएं प्रकाशित हुई हैं। ‘पछतावा’ उनकी एक और कृति है।


वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल भट्ट ने कहा देवकी मेहरा की गीत-कविताओं ने मानवीय संवेदनाओं को बहुत गहरे तक छुआ। साठ के दशक में जब पर्वतीय समाज में बहुत सारी सामाजिक बंधनों की बेड़ियां थी, ऐसे समय में अपनी प्रगतिशीलता और दृढ़ इच्छाशक्ति ने जिस महिला ने अपने रचना संसार का आगाज किया उन्हें हम सब श्रीमती देवकी महरा के नाम से जानते हैं। उन्होंने अपनी साठ साल से भी अधिक की साहित्य यात्रा में कई पड़ावों पर ठहरकर अपने को गढ़ा, समाज को साहित्यिक निधियां सौंपी। उनकी रचनाओं में पहाड़ की महिला के कष्ट, संघर्ष, संवेदनाएं और चेतना विद्यमान रही हैं।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानीः कोटाबाग प्रकरण में चौकी प्रभारी और सिपाही पर गिरी गाज


दुदबोली पत्रिका के संपादक चारु तिवारी ने संचालन करते हुए कहा 26 मई, 1937 में जन्मी देवकी तिवारी ने मनसा, वाचा, कर्मणा अपने जीवन और साहित्य में उतारा। जब वह सामाजिक विसंगतियों पर लिख रही थी तो अपने जीवन में उसे उतार भी रही थी। उस जमाने में उन्होंने अन्तरजातीय विवाह कर इस बात को सिद्ध भी किया। उन्होंने यशपाल सिंह मेहरा से विवाह किया, जो बागनाथ’ साप्ताहिक के संपादक थे।


वक्ताओं ने कहा उनकी साहित्य साधना को देखते हुए कई सम्मानों से सम्मानित किया गया। उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘सुमित्रानंदन पन्त पुरस्कार’ दिया। दिल्ली के पर्वतीय समाज ने ‘कुमाऊं गौरव’ सम्मान दिया। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘आचार्य नरेंद्रदेव निधि शिक्षा सम्मान’ और उत्तराखंड राज्य संसाधन प्रौढ़ शिक्षा, देहरादून द्वारा पुरस्कृत किया गया। उत्तराखंड सरकार द्वारा ‘वरिष्ठ साहित्यकार सम्मान’, ‘पहरू’ द्वारा ‘कुमाउनी साहित्य सेवी सम्मान’, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ‘वसुंधरा’ सम्मान, लोक भाषा संस्थान देहरादून द्वारा ‘मौलाराम सम्मान’, मोहन उप्रेती लोक कला शोध समिति द्वारा ‘ संस्कृति सम्मान’ दिया गया। उत्तराखंड सरकार ने उन्हें ‘तीलू रौतेली सम्मान’ से प्रतिष्ठित किया।
श्रीमती देवकी महरा के पुत्र पेटशाल इंटर कालेज, चितई में प्रधानाचार्य महेंद्र महरा मधु ने उनकी कविताओं की संगीतमय प्रस्तुति की।

यह भी पढ़ें 👉  भारत की नई पहचान: शिक्षा, तकनीक और युवा शक्ति – धनखड़


लोक गायक गणेश मर्तोलिया,कमल मेहरा ने भी अपने गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में उत्तराखंडी साहित्यकार,इतिहासकार शक्ति प्रसाद सकलानी की मृत्यु पर शोक सभा कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त की गई।
दुदबोली, क्रिएटिव उत्तराखंड एवं समय साक्ष्य के संयुक्त तत्वाधान में हुए उपरोक्त कार्यक्रम में नंदिनी मठपाल,प्रभात उप्रेती ,जगदीश जोशी,दयाल पांडे,नवेंदु मठपाल,निखिलेश उपाध्याय,नवीन तिवारी,दामोदर जोशी,रिस्की पाठक, हेम पंत,नरेंद्र बंगारी,दिनेश कर्नाटक,राजेंद्र महरा,गौरव जोशी, भगवती पनेरु,त्रिभुवन उप्रेती,मदन गोस्वामी,किशोर गहतोड़ी,गोबिंद कफलिया,भास्कर उप्रेती,देवकीनंदन भट्ट मौजूद रहे।

Ad_RCHMCT