हल्द्वानी/कोटाबाग। कॉर्बेट हलचल
कोटाबाग के दोहनिया गांव के एक युवक ने पिटाई से क्षुब्ध होकर खुदकुशी कर ली। उसने एक दोस्त को फोनकर तीन लोगों पर मारपीट और उत्पीड़न का आरोप लगाया। साथ ही बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर वायरल कर दी।
दोहनिया गांव निवासी अनिल सिंह निगल्टिया (29 वर्ष ) एनजीओ चलाता था। उसका उसी गांव के दलीप गोस्वामी और कमल गोस्वामी से किसी बात पर विवाद हुआ था। अनिल के चचेरे भाई भीम सिंह निगल्टिया ने बताया कि दोनों आरोपी आए दिन अनिल को परेशान करते रहते थे और पहले भी वे उसके घर आकर अनिल को जान से मारने की धमकी दे चुके थे जिससे परिवार दहशत में था।
रविवार शाम दलीप और कमल ने अनिल को अपने यहां बुलाया और उसे लाठी-डंडों से पीटा। आरोप है कि अनिल को पिटवाने में कुबेर सिंह तड़ियाल का हाथ है। पिटाई से आहत अनिल ने जहरीला पदार्थ खा लिया। इससे पहले उसने अपने एक दोस्त को फोन किया। उसे बताया कि आरोपियों ने अनर्गल आरोप लगाकर उसे बुरी तरह पीटा। अब वह खुदकुशी कर रहा है। उसके दोस्त ने उसे समझाया और खुदकुशी न करने के लिए कहा, लेकिन उसने फोन काट दिया। उसके बाद बातचीत की रिकॉर्डिंग अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर वायरल कर दी।
परिजनों को इसकी सूचना मिली तो खलबली मच गई। सभी अनिल की तलाश में निकल गए। अनिल घर के पास ही खेत में बेसुध मिला। उसके मुंह से झाग निकल रहे थे। उसने जहर खाया था। परिजन उसे सीएचसी कालाढूंगी ले गए जहां से एसटीएच रेफर कर दिया। रविवार रात उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
कालाढूंगी थाना प्रभारी राजवीर सिंह नेगी ने बताया कि मृतक के परिजनों की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आरोपियों को सजा दिलाने के लिए वायरल की पोस्ट
अनिल के चचेरे भाई भीम ने बताया कि आरोपी दबंग प्रवृत्ति के हैं। वे अनिल को परेशान करते थे लेकिन उनके खिलाफ कुछ कहने या करने की अनिल की हिम्मत नहीं होती थी। इस वजह से अनिल ने परेशान होकर यह कदम उठाया और इंस्टाग्राम पर आरोपियों का नाम लेकर पोस्ट भी वायरल की ताकि आरोपियों को सजा मिल सके। बताया कि अनिल की तीन बहनें हैं जिनकी शादी हो चुकी है। एक छोटा भाई है जो अबूधाबी में नौकरी करता है। पिता राम सिंह निगल्टिया की दस साल पहले मौत हो चुकी है।
मेरी एक नहीं सुनी…और मुझे मारते रहे
आत्महत्या करने से पहले अनिल सिंह ने अपने मित्र को फोन किया और उसे बताया कि उसके साथ गांव के ही दो भाइयों ने मारपीट की है। अब वह खुदकुशी करने जा रहा है। उसका मित्र फोन पर उसे बार-बार समझाता करता रहा लेकिन अनिल आत्महत्या करने के फैसले से पीछे नहीं हटा।
अनिल ने रविवार की देर शाम अपने एक मित्र को फोन किया। उसने उसे अपने एटीएम का पिन नंबर बताया। कहा उसके एकाउंट में 26 हजार रुपये हैं। उसने एटीएम से रुपये निकालकर उसकी मां को देने की बात कही। जब अनिल के दोस्त को शक हुआ तब उसने बताया कि अब वह आत्महत्या करने वाला है। उसने बताया कि दिलीप गोस्वामी और कमल गोस्वामी ने उसे बहुत मारा। इससे शायद उसकी टांग टूट गई है। अनिल ने कहा कि दोनों ने उसे धमकी दी है कि उसके घर आकर उसकी मां को बताएंगे।
बातचीत के दौरान अनिल कई बार रोया भी। वह अपने दोस्त से कहता रहा कि तू कहीं भी नहीं फंसेगा और उसकी आत्महत्या के आरोपी तीन लोग हैं। अनिल ने कहा कि आरोपियों ने उसकी बात नहीं सुनी और मारते रहे। बातचीत के दौरान अनिल रोता रहा। कहता रहा कि उसका कोई कसूर नहीं है। कहा कि अब उससे बदनामी सही नहीं जा रही। अनिल का दोस्त उसे आत्महत्या न करने के लिए समझाता रहा। मां की ममता का भी हवाला दिया, लेकिन अनिल नहीं माना। दोनों के बीच नौ मिनट 58 सेकेंड की बात हुई। बाद में अनिल ने फोन काट दिया। उसके बाद अनिल ने बातचीत की रिकॉर्डिंग अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर वायरल कर दी।
भावनात्मक रूप से कमजोर लोग उठाते हैं ऐसे कदम : डॉ. पंत सुशीला तिवारी अस्पताल के मनोविज्ञानी डॉ. युवराज पंत ने बताया कि आत्महत्या करने वाले लोग भावनात्मक रूप से कमजोर होते हैं। बताया कि जो लोग सोशल मीडिया पर लाइव आकर या फिर बताकर आत्महत्या करते हैं, वे समाज का ध्यान मरते समय अपनी तरफ करना चाहते हैं।