आपदा प्रबंधन के क्रियाकलापों में युवा वर्ग की भूमिका सुदृढी़करण के उपायों पर चर्चा

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नैनीताल। आपदा जोखिम प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में युवाओं और किशोरों को शामिल करने पर 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम महानिदेशक बी.पी.पाण्डे, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, डॉ. रघुनन्दन सिंह टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी, नैनीताल एवं डॉ0 कुमार राका, प्रोजेक्ट ऑफिसर, सी.सी.डी.आर.आर. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारत सरकार, नई दिल्ली की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम में आपदा जोखिम प्रबंधन एवं जलवायु परिर्वतन व अनुकूलन विषय पर सोमवार को उद्घाटन सत्र में महानिदेशक  बी.पी.पाण्डे, डॉ. रघुनन्दन सिंह टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी, नैनीताल, डॉ कुमार राका, प्रोजेक्ट ऑफिसर, सी.सी.डी.आर.आर. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारत सरकार, रंजन कुमार प्रौजेक्ट एसोसिएट, एन.आई.डी.एम. व डॉ ओमप्रकाश प्रभारी, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के विभिन्न आयामों में युवा वर्ग की उपयोगिता व क्रियान्वयन में सहयोग पर जागरूक करना है। आपदा प्रबंधन के विभिन्न क्रियाकलापों में युवावर्ग की भूमिका सुदृढी़करण उपायों पर चर्चा करना है, ताकि भविष्य में इनके सहयोग से प्रदेश में दिनो दिन बढ़ती आपदा की चुनौतियों के दौरान इनका भरपूर सहयोग लिया जा सके। विभिन्न संस्थाओं से आये प्रतिभागियों जिनमें भारतीय रेडक्रास, एन.सी.सी., एन.एस.एस.समन्वयक,स्काउट, जिला युवाकल्याण अधिकारी व स्वयं सेवक सदस्य लगभग 60 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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महानिदेशक द्वारा उत्तराखण्ड में विभिन्न आपदाओं का आलेख किया गया व विकास की गति मे किये जा रहे निर्माण कार्यो की सही दिशा पर प्रकाश डालागया। महानिदेशक द्वारा उत्तराखण्ड की संवेदनशीलता के तहत् 1991 उत्तरकाशी भूकम्प, 2013 केदारनाथ त्राषदी के पश्चात् हुये अभिनव कार्यो की भी जानकारियाँ दी।  3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की जायेगी जैसे आपदा प्रबंधन की रूपरेखा, आपदा संवेदनशीलता, युवाओं एवं किशोरों पर आपदा का प्रभाव, आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में कार्य योजना, जलवायु परिवर्तन का दीर्घ कालिक पर्यावरणीय एवं स्वास्थ पर प्रभावमनो वैज्ञानिक एवं समाजिक सहयोग प्राथमिक सहायता तथा जैण्डर, बाल्य एवं विकलांगता, संवेदनशीलता सम्बन्धित विषयों में इसमें शामिल किया गया है, साथ ही एक दिन समस्त प्रतिभागियों को आपदा प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण कार्यक्रम भी प्रस्तावित है।