मनी लॉन्ड्रिंग का डर, ‘डिजिटल अरेस्ट’ और 59 लाख की ठगी – बुजुर्ग शिक्षक बने शिकार

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उत्तराखंड में एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने 80 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर उनसे करीब 59 लाख रुपये की ठगी कर ली। खुद को सरकारी अधिकारी बताकर ठगों ने शिक्षक को लगभग तीन घंटे तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ की स्थिति में रखा और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

घटना 27 अगस्त की है, जब राजधानी देहरादून में कांवली रोड के पास रहने वाले शिक्षक के पास एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकम्युनिकेशन विभाग का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके नाम से मुंबई में एक सिम कार्ड जारी हुआ है, जिसका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों में हो रहा है। इसके बाद कॉल को कथित ‘क्राइम ब्रांच’ से जोड़ दिया गया, जहाँ उन्हें बताया गया कि वे एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी हैं। आरोप यह भी लगाया गया कि उनके नाम का ATM कार्ड एक रेड के दौरान बरामद हुआ, जिससे 2 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।

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सजा और गिरफ्तारी की धमकी से डरकर शिक्षक ने अपनी पत्नी के खाते से 5.73 लाख, अपनी एफडी से 15 लाख, पत्नी की एफडी से 26 लाख, एसआईपी से 5.47 लाख और पेंशन से 1.08 लाख रुपये निकालकर ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए। बाकी रकम रिश्तेदारों से उधार लेकर दी गई।

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जब ठग और पैसों की मांग करने लगे तो रिश्तेदारों को शक हुआ और उन्होंने साइबर हेल्पलाइन में शिकायत करने की सलाह दी। इसके बाद पीड़ित ने साइबर थाना पुलिस में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है और लोगों को इस तरह की फर्जी कॉल्स से सतर्क रहने की अपील की गई है।

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