पिरूल से आजीविका, जंगलों में सुरक्षा इंतजामों का वन संरक्षक ने लिया जायजा

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नैनीताल: राज्य के प्रमुख वन संरक्षक ने रविवार को नैनीताल वन प्रभाग की विभिन्न रेंजों—उत्तरी गौला, दक्षिणी गौला, मनोरा, भवाली और नैना—का दौरा कर वनाग्नि सुरक्षा तैयारियों और वानिकी कार्यों की गहन समीक्षा की। इस दौरान पिरूल से रोजगार योजना की प्रगति का भी जायजा लिया गया।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने उत्तरी गौला क्षेत्र में सक्रिय स्वयं सहायता समूहों से बातचीत की। समूह के प्रतिनिधियों ने बताया कि पिरूल एकत्रीकरण से ग्रामीणों को नियमित रूप से रोजगार मिल रहा है। योजना को ग्रामीण आजीविका संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया गया।

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अब तक इस योजना के तहत 150 से अधिक महिलाएं 3000 कुन्तल से अधिक पिरूल एकत्र कर चुकी हैं। नैनीताल वन प्रभाग ने फ्यूचर एनर्जी (सितारगंज) और सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल से अनुबंध कर पिरूल के परिवहन और उपयोग की व्यवस्था की है। अन्य स्वयं सहायता समूहों को भी योजना से जोड़ने का कार्य जारी है।

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ओखलकांडा से आए जय दुर्गा मां स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधि माधो सिंह ने योजना की सराहना करते हुए प्रमुख वन संरक्षक का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक ने वन कर्मियों और फायर वाचरों को वनाग्नि के दौरान सक्रिय भूमिका निभाने हेतु प्रेरित किया तथा वन पंचायतों को लेकर दिशा-निर्देश भी दिए।

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कार्यक्रम में वन संरक्षक टी.आर. बीजूलाल, डॉ. विनय कुमार भार्गव, चन्द्रशेखर जोशी, हेम चन्द्र गहतोड़ी, ममता चन्द, नितिन पन्त, ललित मोहन कार्की समेत वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, ग्रामीण और स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं उपस्थित रहीं।

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