उत्तराखंड में वन भूमि विवाद: लोगों रेलवे ट्रैक पर लगाया जाम

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उत्तराखंड में वन भूमि चिन्हीकरण के मामले ने एक बार फिर गर्मागरमी का रूप ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ऋषिकेश के आसपास की खाली वन भूमि का सर्वे और कब्जे की कार्रवाई से स्थानीय लोग खौफ और आशंकित हैं। इस विरोध में सैकड़ों लोग सड़क छोड़ अब रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं।

मनसा देवी रेलवे फाटक के पास महिलाएं सबसे अधिक संख्या में शामिल होकर ट्रैक जाम कर रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि “जान जाए, पर भूमि हाथ से न जाए।” इस प्रदर्शन के कारण योग नगरी स्टेशन से चलने वाली गंगानगर एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनों के संचालन में लगभग डेढ़ घंटे से बाधा आई है।

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मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर लोगों को समझाने का प्रयास कर रही है, लेकिन लोग अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

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शिवाजी नगर में आहूत बैठक में पार्षद सुरेंद्र सिंह नेगी और अभिनव सिंह मलिक के नेतृत्व में लोगों ने वन विभाग की कार्रवाई को लेकर अपने विचार रखे। अभिनव सिंह मलिक ने कहा, “यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है। अभी पैनिक होने की जरूरत नहीं है। 5 जनवरी को अगली सुनवाई है। जरूरत पड़ने पर एक कमेटी बनाई जाएगी जो सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।”

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स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल को जन संवाद के लिए आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। साथ ही, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से तत्काल विशेष सत्र बुलाकर वन भूमि पर कब्जे वाले क्षेत्रों को विशेष कानून के तहत हक देने की मांग की गई है।

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