अच्छी खबर-रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर को परिवहन क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर मिला 2021 नेशनल एनर्जी कंजर्वेशन अवॉर्ड।

ख़बर शेयर करें -

गोरखपुर- महाप्रबन्धक विनय कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर रेलवे ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करते हुए परिवहन क्षेत्र के अन्तर्गत सभी क्षेत्रीय रेलों में नेषनल एनर्जी कंजर्वेषन अवार्ड-2021 का प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है।

यह पुरस्कार पूर्वोत्तर रेलवे को बड़े पैमाने पर रेल खण्डों के विद्युतीकरण के फलस्वरूप गाड़ी संचलन में डीजल इंजन के स्थान पर विद्युत इंजन प्रयुक्त करने, रेलवे आवासों, स्टेषन एवं कार्यालय भवनों में शत-प्रतिषत एल.ई.डी. लाइट का प्रावधान, स्टेषन भवनों एवं कार्यालयों में सोलर पैनल स्थापित किये जाने के फलस्वरूप ऊर्जा बचत के लिए प्रदान किया गया है।

प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर श्री ए.के.शुक्ला की देख-रेख में पूर्वोत्तर रेलवे पर बड़े पैमाने पर रेल खण्डों के विद्युतीकरण के फलस्वरूप गाड़ी संचलन में डीजल इंजन के स्थान पर विद्युत इंजन प्रयुक्त करने एवं 34 गाड़ियों में हेड आन जेनरेषन (एच.ओ.जी.) के प्रावधान, गोरखपुर स्टेषन के वाषिंग पिट पर पावर कार के टेस्टिंग हेतु 758 वोल्ट विद्युत आपूर्ति तथा प्रतिदिन एच.एस.डी. खपत की मानिटरिंग के फलस्वरूप वर्ष 2020-21 में 96365 किलोलीटर एच.एस.डी. खपत में कमी लाई गई, जिससे रू0 626 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई। 54 स्टेषनों पर सोलर प्लान्ट लगाने एवं वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इससे पी.आर.एस. एवं यू.टी.एस. को जोड़े जाने, 3-फेज लोकोमोटिव के रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग का प्रयोग करने के सम्बन्ध में लोको पायलट की नियमित काउन्सिलिंग से ऊर्जा की बचत बड़े पैमाने पर की जा रही है।

कुल 20736 रेलवे आवासों, 393 कार्यालय भवनों एवं 389 स्टेषन भवनों में शत-प्रतिषत एल.ई.डी. लाइट प्रयुक्त किये जाने के कारण वर्ष 2020-21 में 58 लाख यूनिट विद्युत खपत में कमी के फलस्वरूप रू0 4.5 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई। इसी प्रकार वर्ष 2020-21 में 1541.54 के.डब्लू.पी. क्षमता के रूफटाप सोलर पैनल स्थापित करने एवं उन्हें चार्ज किये जाने के फलस्वरूप 34.62 लाख यूनिट सोलर एनर्जी की बचत हुई, जिससे रू0 1.18 करोड रेल राजस्व बचाई जा सकी।

पूर्वोत्तर रेलवे पर अभी तक 75 प्रतिषत से अधिक रूट किमी. का विद्युतीकरण हो चुका है, जिसके फलस्वरूप गाड़ियों के डीजल इंजनों के स्थान पर विद्युत इंजनों से चलाये जाने से डीजल की बचत हुई। विदित हो कि पूर्वोत्तर रेलवे पर वर्ष 2018-19 में 433.21 रूट किमी., 2019-20 में 543.41 रूट किमी. तथा 2020-21 में 561.36 रूट किमी. रेल खण्डों का विद्युतीकरण पूर्ण किया गया।