धराली में फंसे सैकड़ों जिंदगियों को मिला नया जीवन, चिनूक बना फरिश्ता

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उत्तराखंड सरकार ने जानकारी दी है कि धराली और आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही बचाव अभियान पूरी मुस्तैदी के साथ चलाया जा रहा है। वायुसेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार फील्ड में मौजूद हैं।

भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर की सहायता से अब तक 274 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है। इनमें से 30 से 35 लोगों को चिनूक के जरिए जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, गुजरात के 131, महाराष्ट्र के 123, मध्य प्रदेश के 21, उत्तर प्रदेश के 12, दिल्ली के सात, राजस्थान के छह, असम व कर्नाटक के पांच-पांच, तेलंगाना के तीन और पंजाब का एक व्यक्ति शामिल है। सभी को सुरक्षित उत्तरकाशी व देहरादून भेजा जा रहा है।

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इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिला अस्पताल में धराली से लाए गए ग्रामीणों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने मातली हेलीपैड पर पहुंचकर भी रेस्क्यू किए गए लोगों से बातचीत की और राहत कार्य में जुटे अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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सरकारी जानकारी के अनुसार, हर्षिल में पहला चिनूक हेलिकॉप्टर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है। इसके जरिए NDRF के जवान, राहत सामग्री और जरूरी उपकरण धराली भेजे गए हैं। अब तक धराली से 65 लोगों को रेस्क्यू कर मातली पहुंचाया गया है।

प्रशासन ने भटवाड़ी क्षेत्र में भूस्खलन के संभावित खतरे को देखते हुए 12 से अधिक मकान खाली करवा दिए हैं। ITBP की मदद से प्रभावित लोगों को हेलिकॉप्टर के जरिए धराली से मातली पहुंचाया जा रहा है, जहां से उन्हें आगे उनके गंतव्यों तक भेजा जा रहा है।

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आपदा प्रभावित क्षेत्र से एक घायल व्यक्ति को एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए भेजा गया है। मुख्यमंत्री धामी ने मौके पर पहुंचकर NDRF, SDRF और प्रशासनिक टीमों के साथ बैठक कर बचाव कार्यों की समीक्षा भी की।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं रखी जाएगी और हर प्रभावित व्यक्ति को सुरक्षित निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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