वन भूमि सर्वे का विरोध: NH जाम और पथराव, 16 नामजद समेत 200 से ज्यादा पर मुकदमा

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उत्तराखंड में अतिक्रमण को लेकर मची गहमा-गहमी के बाद अब पुलिस पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। ऋषिकेश में वन भूमि के सर्वे और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के विरोध में शनिवार और रविवार को प्रदर्शन उग्र हो गया। पहले प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे जाम किया, जबकि रविवार को मनसा देवी रेलवे लाइन बाधित कर ट्रेनों को रोक दिया गया। हरिद्वार बायपास मार्ग भी जाम रहा और पुलिस पर पथराव की घटनाएं सामने आईं। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने दो दिनों की घटनाओं को लेकर तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं।

पहले मामले में रायवाला में तैनात एसएसआई मनवर सिंह नेगी की तहरीर के आधार पर बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत वन भूमि की नापजोख के लिए शनिवार को मालवीय नगर पहुंची टीम को श्यामपुर बायपास पर भारी विरोध झेलना पड़ा। दोपहर 1:30 बजे से शाम 4 बजे तक हाईवे पूरी तरह जाम रहा। इस मामले में आठ लोगों को नामजद करते हुए 218 अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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दूसरे मामले में शनिवार को गुमानीवाला क्षेत्र में सर्वे के दौरान वन विभाग की एक महिला रेंजर के साथ छेड़खानी, धक्का-मुक्की और मारपीट का आरोप लगाया गया है। पीड़िता की तहरीर पर कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी पहचान के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

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तीसरे मामले में रविवार को मनसा देवी रेलवे फाटक पर एकत्र भीड़ द्वारा बलवा करने, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक बाधित करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिस पर जानलेवा पथराव के आरोप में आठ नामजद सहित 8 से 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के तहत वन विभाग, पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमें वन भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही थीं। विरोध के दौरान रेलवे लाइन ब्लॉक होने से छह ट्रेनें देरी से चलीं, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस ने हालात को शांतिपूर्वक संभालने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित भीड़ ने पथराव किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

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स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहरादून मौके पर पहुंचे, अधिकारियों से जानकारी ली और यातायात सुचारु कराया। देर शाम श्यामपुर क्षेत्र में अतिरिक्त फोर्स के साथ फ्लैग मार्च भी किया गया।

पुलिस ने लाठीचार्ज की खबरों को भ्रामक बताते हुए साफ किया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जा रही हैं। ऐसे दुष्प्रचार करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने जनता से अपील की है कि यदि किसी ने सरकारी वन भूमि को निजी बताकर बेचा है, तो उसकी जानकारी पुलिस को दें, ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सके।

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