रामनगर विकास खण्ड के पीरुमदारा क्षेत्र मे एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के बाद किशोरी की हुई मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
जिसको लेकर रविवार को तहसीलदार रामनगर बिपिन चंद्र पंत के नेतृत्व में डॉ प्रशांत कौशिक,चौकी इंचार्ज पीरूमदारा ने संयुक्त रूप से क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई कर दो क्लिनिक सील कर दिए।
आपको बता दें कि ग्राम पीरुमदारा स्थित भगतपुर मड़ियाल की रहने वाली 16 वर्षीय दीपिका नेगी को पीलिया की शिकायत होने के बाद परिजन उसका उपचार कराने के लिए पीरुमदारा में स्थित झोलाछाप डॉक्टर बंगाली क्लीनिक पर ले गए थे परिजनों का आरोप था कि क्लीनिक पर मौजूद डॉक्टर द्वारा इस किशोरी के गलत इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी।
जिसके बाद पूरे इलाके के लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा मामले में रविवार को तहसीलदार विपिन चंद्र पंत, स्वास्थ्य विभाग से नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत कौशिक और पीरु मदारा पुलिस चौकी इंचार्ज राजेश जोशी संयुक्त रूप से बंगाली क्लीनिक पर पहुंचे और उन्होंने इस क्लीनिक में भारी अनियमितताएं पाते हुए इसे सील करने की कार्रवाई की।
इसके साथ ही टीम ने एक और झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक को सील करने की कार्रवाई की है।
मामले में जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत कौशिक ने बताया कि डॉ बंगाली के क्लीनिक में कई प्रकार की अनियमितताएं मिली है जिस कारण उनका क्लीनिक सील करने की कार्रवाई की जा रही है।
डा कौशिक ने बताया इसी क्लीनिक के बराबर में बेखौफ क्लीनिक चला रहे झोलाछाप डॉक्टर यशपाल चौहान के यहां भी छापामार कार्रवाई करने के उपरांत मौजूद चिकित्सक द्वारा कोई भी प्रपत्र नहीं दिखाया गया तथा दुकान में काफी मात्रा में दवाई व इंजेक्शन भी बरामद हुई है।
उन्होंने बताया कि इस क्लीनिक पर भी 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के साथ ही 1 सप्ताह के भीतर प्रपत्र सीएमओ कार्यालय में दिखाने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ कौशिक ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा।


