ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजक्ट से श्रीनगर पर खतरा, कई घरों में दरारें

ख़बर शेयर करें -

उत्तराखंड में चारधाम रेल परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। योजना का मकसद चारधाम यात्रा को सुविधाजनक बनाना है, लेकिन जगह-जगह से परियोजना के विरोध की खबरें भी आ रही हैं।


इस बार मामला श्रीनगर गढ़वाल का है। जहां श्रीकोट गंगानाली में गैस गोदाम के समीप रेल सुरंग निर्माण कार्य को आक्रोशित जनता ने रुकवा दिया। लोगों का कहना है कि रेल सुरंग निर्माण को लेकर हो रही ब्लास्टिंग से तोल्यूं के आवासीय भवनों को नुकसान पहुंच रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  पंचायत चुनावः मतदाता सूची में नाम जुड़वाना या सुधारना है? अभी कर लें आवेदन!

डरे हुए लोग रात-रातभर सो नहीं पा रहे, लेकिन आरवीएनएल प्रभावितों की समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा। सभासद विभोर बहुगुणा और व्यापार सभा अध्यक्ष नरेश नौटियाल समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने इसे लेकर ऋत्विक कंपनी के अधिकारियों के साथ ही आरवीएनएल के प्रबन्धक विनोद बिष्ट से भी मौके पर ही वार्ता की।

आरवीएनएल अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि आगामी बुधवार तक इस संबंध में प्रभावितों को लिखित रूप में अवगत करा दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  बड़ी खबर-(देहरादून) सीएम धामी के निर्देश पर अवर अभियंता, उपखण्ड अधिकारी और अधिशासी अभियंता सस्पेंड


इस मौके पर सभासद विभोर बहुगुणा का कहना था कि आरवीएनएल अगर प्रभावित परिवारों से चार-पांच महीने के लिए उनका आवास खाली भी करवाना चाहता है तो इस अवधि के लिए प्रतिमाह एक समुचित किराया भी देना चाहिए। जिससे प्रभावित परिवार दूसरी जगह रह सकें।

उधर प्रभावितों का कहना है कि अगर इस अवधि में किसी तरह का नुकसान हुआ तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आरवीएनएल की होगी। बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत 16 पुल, 17 सुरंग और 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं। 125 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना का काम साल 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

यह भी पढ़ें 👉  30 जून को होगी बाढ़ से निपटने की मॉक ड्रिल, मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में यूएसडीएमए ने शुरू की तैयारी

हालांकि परियोजना को लेकर प्रभावित ग्रामीण जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि परियोजना के लिए होने वाले ब्लास्ट के चलते उनके घर ढहने के कगार पर हैं, लेकिन निर्माणदायी संस्था इस तरफ ध्यान नहीं दे रही।

Ad_RCHMCT