रुद्रपुर। खटीमा क्षेत्र में सर्राफ की गोली मारकर हत्या रुपयों के लेन-देन को रंजिश के चलते की गई थी। पुलिस ने आठ घंटे से भी कम समय में सनसनीखेज मर्डर का खुलासा करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया और घटना में प्रयुक्त हथियार व बाइक बरामद की है।
एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने पुलिस टीम के लिए 2500 रुपये के ईनाम की घोषणा की है। बता दें कि बीती रात लगभग 07.45 बजे थाना खटीमा पर फोन से सूचना मिली कि ग्राग द्यूरी खटीमा में नानकमत्ता निवासी रमेश रस्तोगी जो कि आराधना ज्वैलर्स नाम से ज्वैलर्स की दुकान चलाता है, को अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर घायल कर दिया गया है व जिसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी। मृतका की पत्नी की तहरीर पर तत्काल मुकदमा पंजीकृत किया गया। सार्वजनिक स्थान बाजार में सांय के समय हुई इस दुस्साहसिक घटना से आम जनमानस एवं व्यापारियों में भय का माहौल पैदा हो गया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने घटना के त्वरित खुलासे एवं आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन आम जनमानस एवं व्यापारियों को दिया था तथा तत्काल अनावरण एवं अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्वारा पुलिस को कठोर निर्देश दिये गये।
प्रभारी निरीक्षक खटीमा व प्रभारी एसओजी उधमसिंहनगर के नेतृत्व में कुल 08 अलग-अलग टीमों का गठन किया गया, जिनके द्वारा भौतिक सुरागरसी पतारसी, सीसीटीवी फुटेज की निगरानी, सर्विलांस आदि में त्वरित कार्यवाही करते हुये घटना के 08 घंटे से कम समय में घटना को अंजाम देने वाले तीनों अभियुक्तगणों को गिरफतार करते हुये, घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल मय असलाह व कारतूसों को बरामद किया। पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों का बारिकी से अवलोकन करने पर प्रकाश में आया कि 03 हमलावर नकाबपोश एक मोटरसाइकिल में बैठकर घटनास्थल पर आये व उनमें से दो ने उतरकर रमेश रस्तोगी को दुकान में जाकर गोली मार दी।
अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी के उपरान्त अभियोग में धारा 34/120बी भादवि एवं 25 आर्म्स एक्ट की बढ़ोत्तरी की गई। घटना कारित करने के पीछे अभियुक्तगणों की मृतक से पैसों का पुराना लेन-देन एवं रंजिश का होना प्रकाश में आया तथा घटना से कुछ समय पूर्व मृतक एवं मुख्य अभियुक्त सुरेन्द्र सिंह उर्फ सुख्खा के मध्य गाली गलौज एवं तीखी नोंक झोंक हुई थी तब से ही अभियुक्त मृतक के प्रति मन ही मन बदले की भावना रखता था। इसी भावना को लेकर मुख्य अभियुक्त द्वारा अपने पुत्र विक्रम जीत एवं भतीजे लखविंदर सिंह के साथ मिलकर साजिश के तहत सर्राफ की गोली मारकर हत्या कर दी।