आपदा प्रभावित धराली में थर्मल टेक्नोलॉजी और श्वान टीम से मिली बड़ी सफलता

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आपदा प्रभावित लोगों की तलाश और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अब तक 729 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें से शुक्रवार को 257 लोग रेस्क्यू किए गए।

रेस्क्यू ऑपरेशन में उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें थर्मल इमेजिंग और विक्टिम लोकेटिंग कैमरे शामिल हैं, ताकि फंसे लोगों का पता तेजी से लगाया जा सके। शनिवार दोपहर 12 बजे तक भारतीय तिब्बती सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने मातली हेलीपैड पर 170 और चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर 107 लोगों को सुरक्षित पहुंचाया, जिससे कुल 277 लोग बचाए गए।

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मातली हेलीपैड पर टिहरी सांसद माला लक्ष्मी राज्य शाह ने रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान धराली के प्रभावित गांव की महिलाएं सांसद से मिलीं और स्थानीय लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि फंसे लोगों के पास खाने-पीने का सामान समाप्त हो चुका है और उनके होटल तथा घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं।

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हर्षिल और धराली में चल रहे मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों के तहत भारतीय सेना की विशेष श्वान टीमों को तैनात किया गया है। ये टीमें ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर), ज़ेवर रडार और टोही रडार के साथ समन्वय करते हुए मुश्किल इलाके में खोज कार्यों में अहम भूमिका निभा रही हैं।

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जिलाधिकारी प्रशांत आर्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लगातार कैंप लगाकर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। वे प्रभावितों को भोजन, पेयजल और चिकित्सा जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का नियमित रूप से निरीक्षण कर रहे हैं।

उत्तराखंड प्रशासन द्वारा प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने और बचाव कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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