उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार में बड़ा राजनीतिक बदलाव सामने आया है। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत) ने मंजूर कर लिया है। प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा उनके द्वारा विधानसभा में ‘पहाड़-मैदान’ पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद तीन सप्ताह से चल रहे विरोध के बीच आया है।
अग्रवाल ने मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस्तीफा सौंपा। इसके बाद, मुख्यमंत्री ने उनका त्यागपत्र राज्यपाल को भेज दिया। उनके इस्तीफे के बाद धामी कैबिनेट में पांच खाली पद हो गए हैं, जिससे कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री धामी के तीन साल पूरे होने के बाद 23 मार्च को कैबिनेट में संभावित बदलाव हो सकता है।
अब सवाल यह है कि इन खाली पदों पर किसे अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। पार्टी के अंदर कई नाम सामने आ रहे हैं। विशेष रूप से हरिद्वार और टिहरी से जुड़े नामों की चर्चा है, जिनका प्रतिनिधित्व फिलहाल खाली हो गया है। टिहरी सीट से संभावित मंत्रियों के नामों में खजानदास, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव पुंडीर और उमेश शर्मा काऊ शामिल हैं। इसके अलावा, गढ़वाल क्षेत्र से एक बड़े नेता को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा भी जोरों पर है।
वहीं, नैनीताल-यूएस नगर क्षेत्र से विधायकों अरविंद पांडे और शिव अरोड़ा के नाम भी कैबिनेट में जगह बनाने के लिए चल रहे हैं। इसके साथ ही, अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से बिशन सिंह चुफाल के नाम की भी चर्चा हो रही है।
कुल मिलाकर, धामी सरकार में कैबिनेट के फेरबदल के बाद उत्तराखंड की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि किसे सत्ता में नई जिम्मेदारी मिलती है।


