उत्तराखंड पुलिस को DSCI से मिला सम्मान, देश की शीर्ष 3 साइबर इकाइयों में मिला दर्जा 

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उत्तराखंड पुलिस साइबर क्राइम के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल और भारतीय गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के माध्यम से राज्य ने मनी रिटर्न और मनी सेव्ड के मामलों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।

पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड पुलिस ने साइबर ठगी के पीड़ितों को कुल 47.02 करोड़ रुपए की राशि वापस दिलाई है, जो उत्तर भारत के राज्यों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन माना जाता है। इसके साथ ही अंतरराज्यीय नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए 500 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है और सैकड़ों संदिग्ध वेबसाइट, सोशल मीडिया अकाउंट व बैंक खाते ब्लॉक किए गए हैं।

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एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के अनुसार, आरोपियों को चार्जशीट करने की औसत दर 87 फीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत 33.9 फीसदी से कई गुना अधिक है। दोषसिद्धि दर (Conviction Rate) भी 64.7 फीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है।

पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, श्री नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि उत्तराखंड साइबर पुलिस ने न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश के साथ मिलकर फेक ट्रेडिंग ऐप, फिशिंग लिंक, OTP फ्रॉड, UPI ठगी जैसे मामलों में सक्रिय भूमिका निभाई है। देहरादून साइबर थाना और उधम सिंह नगर पुलिस ने 2023-24 में 20 से अधिक राज्य व अंतरराज्यीय साइबर ठगी मामलों का सफल समाधान किया है।

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विशेष अभियान ‘ऑपरेशन प्रहार’ और ‘ऑपरेशन हेली’ के तहत भी उत्तराखंड पुलिस ने देशभर में बड़ी कार्रवाई की है। 2025 में ऑपरेशन प्रहार के तहत 65 अपराधियों पर कार्यवाही हुई, जबकि ऑपरेशन हेली में 150 से अधिक वेबसाइट, व्हाट्सएप नंबर और बैंक खाते ब्लॉक किए गए।

उत्तराखंड साइबर पुलिस ने दुबई, कंबोडिया और म्यांमार जैसे देशों से जुड़े चीनी साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इसके अलावा महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर भी पकड़ा गया। डीएससीआई (DSCI) ने उत्तराखंड साइबर पुलिस को 2024 में देश की टॉप 3 इकाइयों में शामिल किया है।

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आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि साइबर क्राइम बढ़ रहा है, इसलिए अक्टूबर माह को साइबर अपराध जन जागरूकता महीना घोषित किया जाएगा ताकि लोगों को इस विषय में अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके। इसके तहत कॉल सेंटर, ऐप्स और अन्य साइबर माध्यमों की जांच भी की जाएगी।

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