उत्तराखंड में पेपर लीक मामले में खुलासे के बाद अब अन्य भर्तियों के ऊपर यह सवाल उठने शुरू हो चुके हैं वही बात की जाए तो वर्ष 2015 में पुलिस दरोगा भर्ती की तो इस मामले में घपला होने की आशंका को लेकर विजिलेंस की टीम को जांच करने की मंजूरी मिल गई है।
बता दे कि सतर्कता समिति की बैठक में इसका फैसला लिया गया। पुलिस मुख्यालय ने शासन को विजिलेंस जांच के लिए प्रस्ताव भेजा था जिसको लेकर आज विजिलेंस की जांच के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा आदेश दे दिए गए हैं बता दें कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद तीसरी बार 2015 में दुर्गा की सीधी भर्ती हुई थी
जिसमें आशंका है कि कुछ लोग गलत तरीके से पास हुए थे क्योंकि यह पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत आने वाली भर्ती है इसलिए पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत आने वाली कोई भी एजेंसी इसकी जांच नहीं कर सकती है
इसलिए पुलिस मुख्यालय से विजिलेंस टीम के लिए जांच को लेकर पत्र भेजा गया था लंबे विचार-विमर्श के बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए इस जॉच के लिए पुलिस मुख्यालय ने विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी गृह विभाग ने इसे कार्मिक विभाग को भेजा था