रामनगर – पूर्व सैनिक हवलदार दुर्गाप्रसाद पांथरी(63 वर्ष) का वृहस्पतिवार को हृदय गति रुक जाने के कारण आकस्मिक निधन हो गया। दिनांक 11 सितम्बर को रामनगर स्थित विश्राम घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया जहाँ पूर्व सैनिकों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। दुर्गाप्रसाद पांथरी ने 24 वर्षों तक भारतीय सेना की 6 गढ़वाल राईफल्स में अपनी सेवाएं दी, वर्ष 1996 में वे सेनानिवृत्त होकर घर आ गए थे। उसके बाद अपनी घरेलू जिंदगी संभालने के साथ-साथ उन्होंने अपना जीवन समाज सेवा में समर्पित कर दिया था। वे पूर्व सैनिक कल्याण समिति रामनगर में पिछले 6 वर्षों से कोषाध्यक्ष के पद पर थे। पतंजलि योग समिति और भारत स्वाभिमान के पूर्व तहसील प्रभारी थे। इसके अतिरिक्त वे अन्य कई सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए थे। दुर्गाप्रसाद पांथरी अपने पीछे पत्नी यशोदा दो पुत्र व एक पुत्री को छोड़ गए। उनके बड़े पुत्र भारतीय सेना की महार रेजीमेंट में हैं व छोटे पुत्र उत्तराखण्ड पुलिस में हैं पुत्री विवाहिता हैं। दुर्गाप्रसाद पांथरी के बड़े भाई जगदीश पांथरी राज्य आन्दोलनकारी रहे हैं और उनके छोटे भाई रामप्रसाद पांथरी भारतीय सेना के कुंमांऊ स्काउट्स में थे। दुर्गाप्रसाद पांथरी के पिता स्व. मंगतराम पांथरी आजाद हिन्द फौज में रहे थे और बाद में उन्होंने भारतीय सेना और पी. ए. सी. में भी अपनी सेवाएँ दी थी।
इस अवसर पर पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष सू. मे. नवीन पोखरियाल, उपाध्यक्ष सू. मे. कुलवंत रावत, कम्पनी हवलदार मेजर व सेना पदक विजेता भरत सिंह रावत, ब्लॉक प्रतिनिधि चन्द्रमोहन मनराल, कै. ओमप्रकाश देवरानी, भगवत चौहान, नारायण देवरानी, रघुनाथ गुंसाईं, दिलवर गुंसाईं, सांसद प्रतिनिधि इंदर रावत, पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख आनन्द रावत, प्रधानमन्त्री जनकल्याण योजना सचिव कृपाल बिष्ट, महेश भारद्वाज, पतंजलि योग समिति तहसील प्रभारी खीमानन्द विष्ठानियां, प्रभात ध्यानी, शम्भूदत्त देवरानी, हरिदत्त देवरानी सहित भारी संख्या में समाजसेवी उपस्थिति रहे।