रेन हार्वेस्टिंग के लिए विकास खण्डों में एक गांव को बनाया जाए मॉडल गांवः डीएम

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हल्द्वानी। जिलाधिकारी वंदना सिंह ने वर्षाकाल के पानी के संग्रहण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है। जनपद के प्राधिकरण क्षेत्र में 400 स्क्वायर मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले सभी निजी और व्यावसायिक भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना होगा। 

सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने क्षेत्रों में एक गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाए, जहां हर घर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हो। सरकारी कार्यालयों में भी इस सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। हल्द्वानी स्थित सरकारी कार्यालयों के लिए रिचार्ज पिट बनाए जाएंगे।

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जल संस्थान को निर्देशित किया गया है कि जो व्यवसायिक संस्थान अधिक जल उपयोग करते हैं और उनके पास रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है, उन्हें नोटिस जारी किए जाएं और अनुपालन न करने पर जल संयोजन विच्छेदित किया जाए। 

जिलाधिकारी ने कहा कि भूजल का अत्यधिक दोहन जलस्तर को घटा रहा है, इसलिए सभी नागरिकों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा। 

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सप्टेंबर में आयोजित बैठक में उप निदेशक वाटरशेड डॉ. एस. के. उपाध्याय ने बताया कि SARRA के तहत 8 करोड़ 59 लाख की डीपीआर तैयार की गई है, जिसमें 62 क्रिटिकल वाटर सोर्स, 35 रिचार्ज शाफ्ट, 17 रिचार्ज पिट, और 28 स्त्रोतों के सुधारीकरण के कार्य शामिल हैं। अमृत सरोवर योजना के तहत शिप्रा नदी और सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की खाली भूमि पर जलाशयों का निर्माण होगा।

सारा के अंतर्गत जिले के 8 ब्लॉकों में 47,142 के लक्ष्य के मुकाबले 22,607 खंती, 142 के लक्ष्य के मुकाबले 57 रिचार्ज पिट, और 104 चाल-खाल के लक्ष्य के मुकाबले 89 स्थलों पर कार्य पूरा किया गया है। डीएम ने बीडीओ को 10 दिन के भीतर कार्य पूर्ण करने और रिपोर्टिंग सुधारने के निर्देश दिए हैं।

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बैठक में नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, डीएफओ रामनगर दिगंत नायक, ईई जल संस्थान रवि शंकर लोशली, और अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।