उत्तराखंड में चल रहे मतदाता निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण कार्य के दौरान भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन से सीधे जुड़े अफसरों और कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लगा दी है। आयोग की एनओसी के बिना अब तबादले नहीं किए जा सकेंगे। इस रोक में जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी भी शामिल होंगे।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य में 20 अगस्त से निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण अभियान शुरू हो चुका है, और छह जनवरी 2025 को निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन होना है।
आयोग ने मुख्य सचिव को भेजे निर्देश में कहा है कि निर्वाचन से जुड़ी विभागों में रिक्त पदों पर तत्काल तैनाती की जाए। इसके साथ ही, जिला निर्वाचन अधिकारियों, ईआरओ, एआरओ, बीएलओ, और सुपरवाइजरों के तबादले इस अवधि के दौरान आयोग की अनुमति के बिना नहीं किए जा सकते।
मुख्य सचिव ने आदेश जारी करते हुए कहा कि छह जनवरी 2025 तक निर्वाचन कार्यों से सीधे जुड़े अफसरों और कर्मचारियों के तबादले से पहले मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से अनुमति अनिवार्य रूप से प्राप्त करनी होगी। उल्लेखनीय है कि जिलाधिकारियों के पास ही जिला निर्वाचन अधिकारी का दायित्व होता है।