हल्द्वानी। प्रशासन ने बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि का दोबारा सीमांकन शुरू कर दिया है। संयुक्त टीम ने क्षेत्र के लोगों के दस्तावेज भी देखे।
बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि के दोबारा सीमांकन के लिए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने राजस्व, नगर निगम, वन विभाग और रेलवे की संयुक्त टीम बनाई है। यह टीम हजरत चिराग अली शाह बाबा की दरगाह और गौला रोखड़ स्थित स्लाटर हाउस को लैंड मार्क मानकर सर्वे कर रही है। इस दौरान प्रशासन के समक्ष हाजी अब्दुल मलिक ने पुराने नक्शे पेश किए। साथ ही दावा किया कि वर्ष 1935 से 1942 के बीच गौला नदी में बाढ़ आई थी। बाढ़ में रेलवे ट्रैक बह गया था।
कहा कि यह रेलवे ट्रैक गौला नदी के बीच में था। उस समय उन्हें ट्रैक बनाने का ठेका मिला था। उसमें पांच करोड़ रुपये का खर्च आ रहा था। रेलवे ने पैसा नहीं दिया और ट्रैक को शिफ्ट कर दिया। अब्दुल मतीन सिद्दीकी, उवैश राजा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने पट्टों, फ्री होल्ड, लीज के पेपर प्रस्तुत किए। सर्वे में अपर जिलाधिकारी नैनीताल अशोक जोशी, उपजिलाधिकारी हल्द्वानी मनीष कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी हल्द्वानी भूपेंद्र सिंह धौनी, कोतवाल हल्द्वानी हरेंद्र चौधरी, थाना अध्यक्ष बनभूलपुरा नीरज भाकुनी, व संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।