संख्याः सेवा-2/3(क)/2/01)/603/वास्थना०/2024-25 दिनांक 23 जुलाई, 2024 विज्ञप्ति/स्थानान्तरण
उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिये वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा 10 (1) के अन्तर्गत गठित स्थानान्तरण समिति की संस्तुति एवं स्थानान्तरण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में निहित प्राविधानों के अनुसार तथा कार्मिक एंव सतर्कता अनुभाग-2. उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्याः 198739/ XXX(2)/E-33080 दिनांक 14 मार्च, 2024, शासनादेश संख्या 221278/XXX (2)/2024/E-33080 दिनांक 20 जून 2124 एवं शासनादेश संख्याः 1018/xxiv-B-1/24/07 (04)/2016 दिनांक 04 जुलाई, 2024 के अनुसार वार्षिक स्थानान्तरण काउन्सिलिंग के माध्यम से किये जाने के उपरान्त एवं शासनादेश संख्या-223526/XXX(2)/2014/E-33080 दिनांक 08 जुलाई, 2024 के अनुसार उत्तराखण्ड विशेष अधीनस्थ प्रवक्ता संवर्ग) सेवा सामान्य शाखा (लेवल पेतनमान रू0 47900-151100) समूह-ग’ में निम्नांकित प्रवक्ताओं को उक्त अधिनियम की धारा 17(1) (ख) (एक) अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरण के अमार्गत उनके नाम के सम्मुख स्तम्भ-4 के विद्यालय / संस्था से स्तम्भ-5 में अंकित विद्यालय/संस्था में उनके द्वारा
काउन्सिलिंग के माध्यम से चयनित विद्यालय में स्थानान्तरित किया जाता है-
2- वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम-2017 की धारा-22 में निहित प्राविधानों के अनुसार स्थानान्तरित प्रवक्ताओं के संबंध में निम्नलिखित कार्यवाही की जायेगी:-
१. स्थानान्तरित प्रवक्ता दिनांक 01 अगस्त, 2024 तक प्रतिस्थानी की प्रतीक्षा किये बिना स्थानान्तरित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करना सुनिश्चित करें। कार्यभार से अवमुक्त होने वाले प्रवक्ता नियमानुसार अनुमन्य कार्यभार ग्रहण अवधि Duining time) का उपभोग स्थानान्तरित विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त ही कर सकेगें।
2. उका स्थानान्तरण निजी व्यय पर किया गया है, इस हेतु किसी भी प्रकार का यात्रा भत्ता देय नहीं होगा। 3. स्थानान्तरित प्रवक्ता द्वारा स्थानान्तरण आदेश में विद्यमान किसी सारगर्मित / टंकण त्रुटि के निराकरण हेतु दिनांक 28 जुलाई, 2024 तक निर्देशक, माध्यमिक शिक्षा, उत्तराखण्ड को ई-मेल edusewa12 @gmail.com के माध्यम से अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत कर सकेंगे। उका पदस्थापना गा० उम्म न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल में 14 योजित जनहित याचिका संख्या-104/2013 दौलत
राम सेमवाल बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य में मा० न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 18 जून, 2018 के प्रस्तर-22 के अधीन रहेंगी, जिसमें उल्लिखित है कि कोई स्थानान्तरण/पदस्थापना मैदानी जनपदों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह मगर और नैनीताल में तब तक नहीं होगी जब तक 70 प्रतिशत शिक्षकों की संख्या पर्वतीय जनपदों में न भरी जाय। अतः समस्त संस्थाध्यक्षों/प्रधानाचार्य/प्रधानाचार्या गा० उच्च न्यायालय के उक्त निर्णय
के अनुसार शिक्षकों को कार्यमुक्त करना सुनिश्चित करें। उक्त का अनुपालन तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित किया जाए।