BREAKING-फेसबुक पर लोगों को लिंक भेज कर क्लिक करने पर लाखों का चूना लगाने वाले शातिर ऑनलाइन ठगों को रामनगर पुलिस ने किया गिरफ्तार।।

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फेसबुक पर लोगों को लिंक भेज कर क्लिक करने पर लाखों का चूना लगाने वाले शातिर ऑनलाइन ठगों को रामनगर पुलिस ने किया गिरफ्तार।।

डाक पैड शियतकर्ता सय्यद रियाज हुसैन उपरोक्त की तहरीर बावत प्रतिवादी – मौ0 राहिल, 2-मो0 जिशान, 3-सुरैश अग्रवाल उर्फ अजय द्वारा 17 लाख रुपये की ऑनलाईन धोखाधडी करने सम्बन्धी में प्राप्त हुई, जिस पर थाना हाजा पर उक्त अभियोग पंजीकृत किया गया ।

उक्त अभियोग की विवेचना वरिष्ठ उपनिरीक्षक प्रेम विश्वकर्मा को सुपुर्द की गई । विवेचक द्वारा पतारसी –सुरागरसी करते हुए सर्विलांस एवं साईबर सैल की सहायता से एक खाता तस्दीक किया गया जो रुड़की हरिद्वार के कर्नाटक बैंक मे होना पाया गया।

बैंक से प्राप्त दस्तावेज एवं के0वाई0सी एवं गवाहो के बयान के आधार पर अब्दुल परवेज उपरोक्त, मो0 तारीक उपरोक्त तथा मौ0 मुज्जमिल चौधरी उपरोक्त का नाम प्रकाश मे आया। बाद पतारसी-सुरागरसी अभियुक्त अब्दुल परवेज उपरोक्त की लोकेशन पिरान कलियर रुड़की मे ज्ञात हुई तथा अभि0 अब्दुल परवेज उपरोक्त को शुक्रवार को उक्त अभियोग मे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा मे भेजा जा रहा है।

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अभि0 अब्दुल परवेज द्वारा पूछताछ मे बताया कि मैं 2021 की जनवरी में अपने गांव से नौकरी की तलाश में पिरान कलियर आया था पिरान कलियर में मेरी मुलाकात तारीक अनवर पुत्र मौ0 अनवर नि0 आरो राजौरी जम्मू कश्मीर और मौ0 मुजम्मिल चौधरी निवासी गम्भीर मुगला मंजाकोट राजौरी, जम्मू कश्मीर से हुई हम तीनो पिरान कलियर मे किराये पर रहकर प्राईवेट नौकरी करने लगे।

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तारीक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम जानता था और मुजम्मिल भी सॉफ्टवेयर का अच्छा नॉलेज रखता था और मेरा भी मोबाइल पर अच्छा होल्ड था हमारे खर्चे ज्यादा थे पैसो की आवश्यकता थी और वेतन सीमित मिलता था।

इसलिए तारीक ने हमसे कहा कि मैं एक सॉफ्टवेयर डवलप करने वाले व्यक्ति को जानता हूँ उससे हम सॉफ्टवेयर लेकर उसे डवलप कर सकते है तभी हम तीनो ने मिलकर तारीक की जान पहचान के व्यक्ति से एक सॉफ्टवेयर खरीदा और उसे डवलप किया।

हम लोगों को अपने नाम अलग बताते थे अपने सही नाम हमने कभी नहीं बताये जैसे राहिल, जिशान, अजय, सुरेश अग्रवाल आदि रामनगर नैनीताल के मौ0 अंजुम नाम के व्यक्ति को हम तीनो ने मिलकर तारीक के मो0 से फेसबुक पर एक लिंक भेजा और कुछ दिनो बाद अंजूम नाम के व्यक्ति ने लिंक पर क्लिक कर दिया और

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उसे झांसे में लेकर btt.globle के बारे में बताया और आई.डी. बनाने को कहा मौ0 अंजुम के जरिये रामनगर के बहुत सारे लोगो ने हमारे btt.globle पर पैसे ट्रान्सफर कर दिये।

कुछ दिन तक हमने लोगो को लालच देकर कुछ पैसे जैसे 2 हजार, 4 हजार वापस कर दिये और जब हम तीनों के पास 12-15 लाख रूपये जमा हो गये तो हमने नम्बर बन्द कर दिये । btt.globle एप भी क्लोज कर दिया ।

गिरफ्तारी टीम
1- SSI प्रेम विश्वकर्मा
2-कानि0 हेमन्त सिंह

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