बनभूलपुरा दंगे के कथित मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत प्रदान की है। कोर्ट ने इस मामले में 2.44 करोड़ की वसूली पर शुक्रवार को रोक लगा दी है।
बता दें कि फरवरी माह में बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा स्थित विवादित भूमि से अतिक्रमण हटाने के दौरान दंगा भड़क गया था। जिसमें कई लोगों की मौत हुई। साथ ही बनभूलपुरा थाने के साथ ही कई वाहनों को फुंक दिया गया। इस मामले में पुलिस ने कथित तौर पर साजिशकर्ता अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस मामले में हल्द्वानी नगर आयुक्त की ओर से इसी साल आठ फरवरी को हुए बनभूलपुरा दंगा में संपत्तियों को नुकसान के बदले में आरोपी अब्दुल मलिक को 12 फरवरी को 2.42 करोड़ का नोटिस जारी किया गया था।
नगर निगम अधिनियम,1959 की धारा 470 के तहत भेजे गये नोटिस में तीन दिन के अदंर उक्त धनराशि नगर निगम में जमा कराने को कहा गया था। यही नहीं प्रशासन ने वसूली कार्रवाई भी शुरू कर दी थी। हल्द्वानी तहसीलदार की ओर से मुख्य आरोपी को 25 अप्रैल, 2024 को वसूली नोटिस जारी किया गया था। आरोपी की ओर से नगर निगम की ओर से जारी नोटिस और प्रशासन की ओर से की जा रही वसूली की कार्यवाही को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
इधर इस मामले में शुक्रवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ में अब्दुल मलिक से संबंधित इस प्रकरण पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि नगर निगम की ओर से जारी किया गया नोटिस गलत है। अभी उसके खिलाफ वाद लंबित है। वह दोषी साबित नहीं हुआ है। अधिनियम की सुसंगत धाराओं में प्रावधान है कि दोष सिद्ध होने के बाद ही वसूली नोटिस और कार्यवाही अमल में लाई जा सकती है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अहरार बेग के अनुसार एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद नगर निगम की ओर से जारी नोटिस और वसूली कार्यवाही पर रोक लगा दी है।