श्री हेमकुंड साहिब यात्रा में तीर्थयात्रियों का उत्साह चरम पर, रिकॉर्ड तोड़ 30,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, वीडियो

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Corbetthalchal चमोली, उत्तराखंड-हिमालय की गोद में बसे पवित्र तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब में इन दिनों तीर्थयात्रियों का उत्साह अपने चरम पर है। 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल, बीते चार दिनों से रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी और हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था की लौ को मंद नहीं कर सका। श्रद्धालु भारी संख्या में दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं और बर्फीली हवाओं के बीच पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।


पिछले आठ दिनों में श्री हेमकुंड साहिब में दर्शन करने वालों की संख्या 30,000 के पार पहुंच चुकी है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि श्रद्धालुओं की भक्ति और इस पावन स्थल के प्रति आकर्षण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2024 की तुलना में यह संख्या उल्लेखनीय रूप से अधिक है।

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प्रशासन और ट्रस्ट की तैयारी
श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष, श्री नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन से हाल ही में भेंट की और यात्रा संचालन की प्रगति की समीक्षा की। श्री बिंद्रा ने गोविंदघाट में एक स्थायी पुल के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया, जिसकी घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी पूर्व में कर चुके हैं। यह पुल विशेष रूप से बरसात और बर्फबारी के मौसम में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा।
इसके साथ ही घांघरिया में तीर्थयात्रियों के लिए दो नए विश्राम हॉल के निर्माण को भी मंजूरी मिली है, जिसके लिए श्री बिंद्रा ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने जिला व राज्य प्रशासन की तत्परता और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उनकी मदद से ही हर वर्ष यात्रा का सुचारू संचालन संभव हो पाता है।

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यात्रा मार्ग पर सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए SDRF, ITBP और ATS की टीमें तैनात हैं, जो यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

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आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम
श्री हेमकुंड साहिब यात्रा मई से अक्टूबर तक चलती है और यह स्थल सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं, बल्कि आसपास की प्राकृतिक सुंदरता जैसे फूलों की घाटी और लक्ष्मण मंदिर के दर्शन भी करते हैं।


पर्यावरण संरक्षण की अपील
श्री बिंद्रा ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दें और प्लास्टिक-मुक्त यात्रा का पालन करें। उन्होंने कहा, “श्रद्धालुओं का सहयोग और प्रशासन का समर्पण ही यात्रा की सफलता की कुंजी है।”

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