भारत-नेपाल विवाद: पत्थरबाजी के बाद दोनों देशों में काली नदी का मलबा हटाने पर सहमति

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पिथौरागढ़//धारचूला। कॉर्बेट हलचल

बीते दिनों धारचूला में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नेपाली नागरिकों की ओर से पत्थरबाजी की घटना के बाद हुई भारत-नेपाल समन्वय समिति की बैठक में दोनों देशों का सीमांकन करने वाली काली नदी के बीच में पड़े मलबे को हटाने पर सहमति बनी है। बुधवार को तपोवन स्थित एनएचपीसी गेस्ट हाउस में भारत-नेपाल समन्वय समिति की बैठक हुई।

भारत की पेशकश
बैठक में पिथौरागढ़ की जिलाधिकारी रीना जोशी ने कहा कि काली नदी में जनवरी 2022 से तटबंध निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर इस निर्माण से नेपाल की सीमा को नुकसान की आशंका है तो वह बताए, ताकि उसका समाधान निकाला जा सके।

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तटबंध बना रही एजेंसी मलबा हटाएगी
इस पर नेपाल के अधिकारियों ने तटबंध निर्माण क्षेत्र में काली नदी के बीच में पड़े मलबे को हटाने की मांग की जिससे मानसून सीजन में नदी का तेज बहाव नेपाल सीमा से जुड़े गांवों को नुकसान न पहुंचाए। डीएम ने कहा कि भारत की ओर से तटबंध निर्माण कर रहे अधिकारी 10 दिनों तक नियमित रूप से नदी से मलबा हटाने का कार्य करेंगे।

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घटगाड़ से नेपाल भी हटाएगा मलबा
उन्होंने नेपाल से भी घटगाड़ क्षेत्र में मलबा हटाने की मांग की, जिस पर नेपाल ने सहमति जताई। 10 दिन बाद समन्वय समिति की दोबारा बैठक होगी। बैठक में नेपाल के सीडीओ दीर्घराज उपाध्याय, एसपी डंबर सिंह, डीएसपी तर्कराज पांडेय, पिथौरागढ़ एसपी लोकेश्वर सिंह, धारचूला एसडीएम दिवेश शाशनी, ईई सिंचाई फरहान खान मौजूद थे।

तटबंध निर्माण की निगरानी को संयुक्त कमेटी

बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच तटबंध निर्माण के बाद दोनों देशों की भूमि को काली नदी के बहाव से नुकसान की बात उठी। तय हुआ कि भारत-नेपाल के इंजीनियरों की संयुक्त टीम गठित की जाएगी, जो तटबंध निर्माण कार्य का निरीक्षण करेगी।

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पत्थरबाजों पर कार्रवाई करे नेपाल

डीएम रीना जोशी ने कुछ दिन पहले नेपाल की ओर से किए गए पथराव की घटना को अंजाम देने वाले नेपाली नागरिकों पर कार्रवाई की मांग भी की। इस पर नेपाली अधिकारियों ने अराजक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया।