उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन, विधायक प्रीतम सिंह ने स्वास्थ्य सेवाओं पर चिंता जताते हुए इस मुद्दे पर चर्चा की। वहीं, विधायक मदन सिंह बिष्ट ने द्वाराहाट सीएचसी में पद स्वीकृत होने के बावजूद डॉक्टरों की कमी पर ध्यान दिलाया। उनका कहना था कि राज्य में तो बड़ी इमारतें बन रही हैं, लेकिन डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो डॉक्टर पहाड़ों में काम करना चाहते हैं, उन्हें वहां काम करने का मौका दिया जाना चाहिए।
विधायक लखपत सिंह बुटोला ने भी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त की, खासतौर पर पहाड़ों में। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में लोग दूर-दूर से इलाज के लिए आते हैं, और पहाड़ों की सड़कों की खराब स्थिति के कारण उन्हें बहुत परेशानी होती है। चमोली जिले के गोपेश्वर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी का उल्लेख करते हुए उन्होंने श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज को केवल एक रेफर सेंटर बनाए जाने की आलोचना की।
बुटोला ने यह भी कहा कि देहरादून में अस्पतालों की कोई कमी नहीं है, जबकि पहाड़ों में मानकों का हवाला देकर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को नजरअंदाज किया जाता है। उनका मानना था कि पलायन का सबसे बड़ा कारण स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, क्योंकि लोग समय पर इलाज नहीं पा पाते और इसी कारण वे गांव छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने श्रीनगर को विश्वस्तरीय मेडिकल कॉलेज बनाने की आवश्यकता जताई।
इसके अलावा, कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में तय किया गया कि विधानसभा का बजट सत्र शनिवार को भी चलेगा। हालांकि, सियासी चर्चा थी कि शुक्रवार को सत्र का समापन हो सकता है, लेकिन समिति ने यह निर्णय लिया कि शुक्रवार को विधेयकों के पारित होने के बाद बजट पर चर्चा शुरू की जाएगी और सत्र शनिवार तक चलेगा।
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