हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष-हनुमान धाम: जहां बजरंग बली के नौ स्वरूप और बारह लीलाओं के होते हैं दर्शन

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सलीम मलिक

रामनगर: उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले के भावर में सर रैमजे द्वारा बसाए रामनगर की मुख्य पहचान व्यापारिक मंडी के बाद अब उसकी पहचान कॉर्बेट नेशनल पार्क से है। लेकिन अब रामनगर की एक विशिष्ट पहचान के रूप में हनुमान धाम का एक नया नाम तेजी से जुड़ता जा रहा है। आस्था, अध्यात्म और पर्यटन के नए केंद्र के रूप में रामनगर से हल्द्वानी मार्ग पर छः किमी. की दूरी पर विकसित हो रहा हनुमान धाम विश्व का ऐसा इकलौता हनुमान मंदिर है जहां भक्तों को बजरंग बली के नौ स्वरूप तथा बारह लीलाओं के दर्शन होते हैं। यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि हनुमान धाम में स्थापित भगवान हनुमान के समक्ष अपनी मनोकामना लिखकर रखने से सभी मनोकामना पूरी होती हैं। प्रतिदिन सैंकड़ों भक्त यहां बजरंग बली के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त कर मन्नत मांगते हैं। धाम में भक्तों के सहयोग से अक्सर ही भंडारे का आयोजन भी होता रहता है। धाम परिसर में ही श्री हनुमान धाम ट्रस्ट द्वारा विकलांग सेवा केंद्र तथा निशुल्क फिजियोथैरेपी जैसे प्रकल्प संचालित किए जाते हैं।
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धाम में विराजमान हनुमान के नौ स्वरूप

1. हनुमान का प्रचलित दिव्य रूप
2. बाल्य रूप में माता अंजनी के साथ बजरंग बली
3. दास रूप में हनुमान (प्रभु राम के चरणों में)
4. रामायणी हनुमान
5. सिंदूरी हनुमान
6. पंचमुखी हनुमान
7. संजीवनी लाते हनुमान
8. भगवान राम लक्ष्मण को कंधे पर धारण किए हनुमान
9. राम सीता को हृदय में बसाए हनुमान

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धाम में बजरंग बली की बारह लीलाएं
1.श्री राम दरबार में हनुमान दास्य रूप में
2. संकीर्तनी हनुमान
3. रामसेतु निर्माण करते हनुमान
4. विकराल रौद्र रूप में हनुमान
5. प्रभु राम हनुमान का मिलाप
6. संजीवनी बूटी लाते हुए हनुमान
7. लव कुश व माता सीता के साथ हनुमान
8. बाल समय रवि भक्ष लियो (सूर्य को पकड़ने चले हनुमान)
9. बल बुद्धि के पराक्रमी हनुमान (हनुमान जी तथा सुरसा)
10. अशोक वाटिका में माता सीता को प्रभु मुद्रिका देते हनुमान
11. लंका दहन करते हनुमान
12. रामेश्वरम में प्रभु राम के साथ शिव पूजा में हनुमान

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कब और कैसे आएं हनुमान धाम ?
हनुमान धाम का मंदिर प्रत्येक दिन सुबह से शाम तक खुला रहता है। हनुमान धाम में पुष्पांजलि सुबह 7 बजे, भोग और भोग आरती दोपहर 12 बजे होता है। हनुमान चालीसा पाठ, सायंकालीन आरती एवं पुष्पांजलि शाम 7:30 बजे, आरती रात 9 बजे होती है। आप हनुमान धाम आ रहे हैं तो आपसे अपेक्षा है कि मर्यादित वस्त्रों में आएं। मंदिर की मर्यादा का ख्याल रखते हुए यहां आने पर नॉनवेज, प्याज, लहसुन खाकर न आएं। हनुमान भगवान का काफी प्रसिद्ध मंदिर होने के कारण यहां पर नॉनवेज प्याज, लहसुन जैसे खाना खाकर जाना अनुचित माना जाता है।

ऐसे पहुंचे हनुमान धाम ?

उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले के कस्बा रामनगर से 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित हनुमान धाम में प्रति दिन सैंकड़ों भक्त दूर दूर से बजरंग बली के दर्शन के लिए आते हैं। रामनगर कस्बा दिल्ली से रेल, सड़क मार्ग से सीधे तो वायु मार्ग से वाया पंतनगर हवाई अड्डे से जुड़ा हुआ है। पंतनगर हवाई अड्डे से बस, टैक्सी आदि से वाया हल्द्वानी होते हुए 70 किमी. के सफर के बाद आप रामनगर में होते हैं। रेल मार्ग से हनुमान धाम देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां का निकटवर्ती रामनगर रेलवे स्टेशन (पूर्वोत्तर रेलवे) हनुमान धाम से केवल 7 किमी. है। दिल्ली से रामनगर के लिए कई सीधी ट्रेन हैं। रामनगर से हनुमान धाम जाने के लिए आपको ऑटो की सुविधा मिलेगी। विशेष अवसरों पर श्री हनुमान धाम के लिए व्यवस्थापकों की ओर से निशुल्क बस सेवा उपलब्ध कराई जाती है।