प्रगतिशील सांस्कृतिक पर्वतीय समिति पैंठपड़ाव, रामनगर के तत्वाधान में समिति की 50 वीं पर्वतीय रामलीला (स्वर्ण जयन्ती) का मंचन प्रारंभ

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रामनगर-प्रगतिशील सांस्कृतिक पर्वतीय समिति पैंठपड़ाव, रामनगर के तत्वाधान में समिति की 50 वीं पहाड़ी रामलीला (स्वर्ण जयन्ती) का मंचन प्रारंभ हुआ। समिति के मीडिया संयोजक हेम चन्द्र पाण्डे ने जानकारी दी, कि मंचन के प्रथम दिवस कामदेव पराजय, नारद मोह, विश्वमोहिनी स्वयंवर, भगवान विष्णु द्वारा नारद मुनि को श्राप देना आदि लीलाओं का मंचन हुआ। रामलीला कमेटी के संरक्षक कमल बेलवाल, हीरा वल्लभ पाठक तथा अशोक खुल्बै ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलित कर रामलीला का शुभारंभ किया।

मंचन में नारद मुनि तपस्या करने हिमालय पहुंचे जहां समाधि में लीन हो गए, इंद्र ने सोचा की नारद उनका स्थान लेने के लिए तपस्या कर रहे हैं ऐसा सोचकर उन्होंने कामदेव को नारद मुनि की तपस्या भंग करने को कहा कामदेव ने तपस्या भंग करने का असफल प्रयास किया। रामलीला के मंचन में नारद की भूमिका ललित बिष्ट, इन्द्र की करन पाण्डे, सूत्रधार की के0 सी0 त्रिपाठी, नटी की सुंदर, कामदेव की अमित लोहनी, शिव की प्रेम बोरा ने निभायी।

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इस अवसर पर रामलीला समिति के संयोजक भूपेन्द्र खाती तथा सुमित लोहनी, गणेश पंत, ओम प्रकाश, जगदीश तिवारी, सोनी जोशी, भारत नेगी,पूरन पांडे, गोपाल काण्डपाल, मोहन बिष्ट,दिनेश जोशी,किशन डसीला,अमित बेलवाल, विमला आर्या, नीमा मठपाल, माया रावत,प्रकाश लखचौरा आदि मौजूद रहे।