बैकडोर भर्ती: विधानसभा के 40 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त

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निरस्त 228 नियुक्तियों के मामले में कार्मिकों की सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ
स्पीकर ने विधानसभा में 228 तदर्थ नियुक्तियों को रद्द करने का एलान किया था

देहरादून। कॉर्बेट हलचल
यूकेएसएससी भर्ती घोटाले के बाद सरकार ने विधानसभा सचिवालय में हुए भर्ती घपले में निरस्त की गईं 228 नियुक्तियों के मामले में विधानसभा ने अब संबंधित कार्मिकों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इस कड़ी में सोमवार को 40 कार्मिकों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिए गए। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने इसकी पुष्टि की।

विधानसभा में हुई नियुक्तियों का मामला तूल पकडऩे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर इसकी जांच कराने और विवादित नियुक्तियों को निरस्त करने का आग्रह किया था। जिसके बाद पूरे मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने एक कमेटी गठित की थी जहां कमेटी ने रिपोर्ट पेश किया था।


जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 2016 के बाद विधानसभा में बैक डोर से भर्ती होकर नौकरी कर रहे लोगों नियुक्तियां रद्द करने के आदेश जारी किए थे अब सरकार ने कार्रवाई की है।
समिति से 22 सितंबर को जांच रिपोर्ट मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अगले दिन विधानसभा में हुई 228 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने का एलान किया। इनमें वर्ष 2016 की 150, वर्ष 2020 की छह और वर्ष 2021 की 72 नियुक्तियां शामिल हैं।


इसके अलावा विधानसभा में उपनल के माध्यम से रखे गए 22 आउटसोर्स कर्मियों को भी उपनल को वापस लौटा दिया गया था।
सोमवार को 40 आदेश जारी किए गए, जिन्हें मार्शल के माध्यम से संबंधित कर्मियों को हस्तगत कराया गया। बताया गया कि मंगलवार और बुधवार तक निरस्त की गई शेष नियुक्तियों के संबंध में भी आदेश जारी कर दिए जाएंगे।


वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विपक्ष द्वारा पूर्व की विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं जिस पर सरकार और विधानसभा अध्यक्ष कोई निर्णय ले सकते हैं लेकिन चर्चाएं चल रही है कि सरकार पूर्व की भर्तियों पर भी जांच करवा सकती हैं।