उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में किशोरी से दुष्कर्म मामले में विशेष जिला एवं सत्र न्यायाधीश पोक्सो की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उसे 10 साल का कठोर कारावास की सजा और 10 हजार का जुर्माना से दंडित किया है। जुर्माना न देने पर आरोपी को छह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
कंडीसौड़ तहसील के तहत एक व्यक्ति ने राजस्व पुलिस को दी तहरीर में बताया कि कक्षा 12 में पढ़ने वाली उनकी नाबालिग बेटी 29 अगस्त 2022 को स्कूल से घर लौट रही थी। लेकिन पास के गांव का एक युवक ने उनकी नाबालिग लड़की को नशीली वस्तु खिलाकर बेहोश कर दिया।
बेहोशी की हालात में नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। परिजनों के खोजबीन करने के बाद सांय छह बजे नाबालिग बेहोशी के हालात में परिजनों को मिली। जब नाबालिग होश में आई तो उसने परिजनों को आपबीती सुनाई। बताया कि आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। राजस्व पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पोक्सो की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया।
साथ ही विवेचना रेगुलर पुलिस को सौंपी। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ न्यायालय में कई कागजी साक्ष्य पेश किए। विशेष लोक अभियोजक महेंद्र सिंह बिष्ट ने न्यायालय में 15 गवाह पेश किए। अभियोजक बिष्ट ने बताया कि विशेष जिला एवं सत्र न्यायाधीश पोक्सो योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने और पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी रज्जी लाल पुत्र जन्नी लाल को 10 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 10 हजार का जुर्माना लगाया।