उत्तराखंड में स्पोर्ट्स स्टेडियम निर्माण का विरोध तेज होता जा रहा है। अगस्तमुनि में स्पोर्ट्स स्टेडियम के निर्माण को लेकर चल रहा विरोध दूसरे दिन और अधिक उग्र हो गया। स्थानीय लोगों ने निर्माण स्थल का मुख्य गेट खोलने की मांग की, लेकिन जब प्रशासन ने अंदर कार्य करवाना जारी रखा, तो ग्रामीणों और पुलिस के बीच तीखी नोंक-झोंक और धक्का-मुक्की हुई।
आंदोलनकारियों ने मुख्य गेट न खुलने पर दूसरे रास्ते से निर्माण स्थल पर प्रवेश किया और जेसीबी मशीनों के सामने धरना शुरू कर दिया, जिससे निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक स्टेडियम निर्माण पूरी तरह बंद नहीं किया जाता, मशीनें किसी भी हालत में नहीं चलेंगी।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे त्रिभुवन चौहान, अनिल बैंजवाल, राजेश बैंजवाल, भूपेंद्र बैंजवाल, उदयप्रताप सिंह, वैष्णी देवी सेमवाल, ऊमा कैतुरा, दीपा देवी और सर्वेश्वरी गुसाईं ने कहा कि अगस्तमुनि का यह मैदान मुनि महाराज और अगस्त्य ऋषि से जुड़ा पवित्र, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह स्थल वर्षों से स्थानीय लोगों की आस्था, परंपरा और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन स्थानीय भावनाओं की अनदेखी करते हुए जबरन निर्माण कार्य करवा रहा है, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि निर्माण कार्य तुरंत बंद नहीं किया गया, तो विरोध और व्यापक व उग्र कर दिया जाएगा।
वहीं, तहसीलदार रुद्रप्रयाग प्रणव पांडेय ने बताया कि निर्माण कार्य शासन की स्वीकृति और तय मानकों के अनुसार किया जा रहा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात है और पूरे मामले से जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि सोमवार को निर्माण कार्य शुरू होते ही ग्रामीणों ने गणपति पैलेस अगस्तमुनि पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। आंदोलन के दौरान विधायक आशा नौटियाल को लगभग दो घंटे तक रोक लिया गया। भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच ग्रामीणों ने स्टेडियम निर्माण को रोकने की मांग की, हालांकि विधायक आश्वासन देते हुए सभी पक्षों की बात सुनने और समाधान निकालने का भरोसा दिलाया।




