उत्तराखंड पुलिस में एक अहम निर्णय लिया गया है, सिपाहियों की कमी के कारण जनपद टिहरी गढ़वाल के पुलिस कप्तान आयुष अग्रवाल ने चारधाम यात्रा के दौरान पुलिसकर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। यह निर्णय खासतौर पर आगामी चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए लिया गया है।
टिहरी गढ़वाल, जो चारधाम यात्रा के मार्ग में महत्वपूर्ण जिला है, यहां से गंगोत्री, यमुनोत्री और श्रीनगर के लिए यात्रा का रूट जाता है। ऐसे में, यात्रियों और वाहनों के प्रवाह को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस की भूमिका अहम है। चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल से हो रही है, और इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस कप्तान ने सभी सिपाहियों की छुट्टियां अग्रिम आदेश तक रद्द कर दी हैं।
इस फैसले के तहत, पुलिस कप्तान ने यह स्पष्ट किया है कि कोई भी इंस्पेक्टर या प्रभारी बिना उनकी अनुमति के किसी भी सिपाही को छुट्टी नहीं देंगे। हालांकि, आकस्मिक कारणों के लिए छुट्टी की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन इसके लिए सिपाही को पूरी डिटेल और कारण स्पष्ट करना होगा। पुलिस कप्तान आयुष अग्रवाल ने कहा कि उनकी कोशिश है कि इस बार चारधाम यात्रा में व्यवस्थाएं बेहतर हो, और पुलिस कर्मियों की कमी के बावजूद यात्रा को व्यवस्थित किया जा सके।
चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल से हो रही है, जिसमें यमुनोत्री और गंगोत्री धामों के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे। इन धामों के रास्ते टिहरी जिले से होकर जाते हैं, जो यात्रा मार्ग में एक महत्वपूर्ण जिले के रूप में काम आता है। इसके बाद, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट क्रमशः 2 और 4 मई को खुलेंगे। इन चारों धामों के दर्शन करने के लिए लाखों तीर्थयात्री हर साल उत्तराखंड आते हैं, जिससे पुलिस के लिए यात्रा के दौरान यात्री वाहनों और अन्य व्यवस्थाओं को संभालना एक बड़ी चुनौती होती है।
चूंकि यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ-बदरीनाथ धामों तक पहुंचने के रास्ते टिहरी जिले से होकर जाते हैं, इस बार यात्रा व्यवस्था और पुलिस सुरक्षा को लेकर टिहरी पुलिस की जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। पुलिस कप्तान ने अपने इस निर्णय से यह सुनिश्चित किया है कि यात्रा के दौरान कोई भी व्यवधान न हो और तीर्थयात्रियों को कोई कठिनाई का सामना न करना पड़े।


