Uttarakhand STF को “ऑपरेशन प्रहार” की बड़ी सफलता: CBI-ED अधिकारी बनकर 1.3 करोड़ की ठगी करने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार

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Corbetthalchal देहरादून
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साइबर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी CBI और ED अधिकारी बनकर एक रिटायर्ड फौजी से ₹1.3 करोड़ की ठगी करने वाले साइबर ठग की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई “ऑपरेशन प्रहार” अभियान के अंतर्गत साइबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र, रुद्रपुर द्वारा की गई।


ठगी का तरीका:
अभियुक्त ने खुद को CBI और ED अधिकारी बताते हुए पीड़ित को व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर “डिजिटल अरेस्ट” किया और गिरफ्तारी तथा संपत्ति सीज करने की धमकी देकर डराया। उसे फर्जी गिरफ्तारी वारंट, आदेश और अन्य दस्तावेज दिखाए गए। पीड़ित को झांसे में लेकर साइबर अपराधियों ने अलग-अलग बैंक खातों में ₹1.3 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

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जांच में हुआ बड़ा खुलासा:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ श्री नवनीत सिंह ने बताया कि यह मामला मूलतः जनपद चंपावत के लोहाघाट थाने से साइबर थाना कुमाऊँ को स्थानांतरित हुआ था। जांच के दौरान आरोपी पिंकू वर्मा, निवासी अम्बिका विहार, जिला सरगुजा, छत्तीसगढ़ को चिन्हित किया गया। डिजिटल साक्ष्य के आधार पर टीम ने अभियुक्त को ट्रैक कर पूछताछ के लिए रुद्रपुर लाया और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की गई।


12 राज्यों में साइबर अपराधों से जुड़ा है अभियुक्त:
प्रारंभिक पूछताछ में यह सामने आया कि आरोपी के बैंक खातों का उपयोग पिछले 4-5 महीनों में करोड़ों रुपये के लेन-देन में हुआ है। आरोपी के खिलाफ देश के 12 राज्यों में ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें हरियाणा, केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य शामिल हैं।

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अपराध का पैटर्न:
आरोपी व्हाट्सएप या स्काइप से कॉल कर पीड़ित को मानसिक दबाव में रखता था, और किसी भी संपर्क से रोकते हुए, उन्हें डर के मारे बैंक ट्रांसफर करने को मजबूर करता था। ठगी की गई रकम को विभिन्न खातों में घुमा-फिराकर स्थानांतरित किया जाता था।

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पुलिस टीम में शामिल अधिकारी:
• अपर उपनिरीक्षक: श्री सतेन्द्र गंगोला
• हेड कांस्टेबल: श्री सोनू पांडे
• कांस्टेबल: श्री रवि बोरा


पुलिस की अपील:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी लालच, फर्जी कॉल या निवेश स्कीम में न फंसे। सोशल मीडिया पर अज्ञात लोगों से दोस्ती करने या लिंक पर क्लिक करने से पहले सतर्क रहें। किसी भी ऑनलाइन धोखाधड़ी की स्थिति में 1930 नंबर पर तुरंत संपर्क करें या निकटतम साइबर क्राइम थाने को सूचित करें।

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