उत्तराखंड शासन से मिली विजिलेंस टीम को दरोगा भर्ती में मुकदमा दर्ज करने के आदेश

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उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में युवाओं के साथ धांधली हुई थी जिसके बाद से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भर्तियों की जांच के आदेश दिए थे वही बात की जाए जान 2015 दरोगा भर्ती जांच की तो इस भर्ती जांच में विजिलेंस टीम को मुकदमा दर्ज करने की शासन से अनुमति मिल चुकी है, और भर्तियों में युवाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों को बेनकाब करने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है।

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अब धामी सरकार ने 2015 में हुई दरोगा भर्ती में विजिलेंस को मुकदमा लिखने की अनुमति दे दी है । जिसके बाद यह माना जा रहा है कई दरोगा बेनकाब होंगे जो अब तक थाने चौकियों में पोस्टिंग पाकर मलाई काट रहे थे।दरअसल 2015 में 349 दरोगाओं की सीधी भर्ती हुई थी।

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शुरुआत में ही इसमें धांधली की बात उठी, लेकिन बाद में सब दब कर रह गई। दरोगाओं को चौकी-थानों के चार्ज भी मिलने लगे। इस बीच एसटीएफ ने जब स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच शुरू की तो इस भर्ती में भी धांधली की बात पुष्ट हो गई।दरोगा भर्ती धांधली में विजिलेंस अब दरोगाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगी।

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शासन ने मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी है। अब जल्द ही धांधली कर पास होने वाले दरोगाओं की गिरफ्तारी भी हो सकती है। वर्ष 2015 में हुई इस भर्ती में करीब 10 फीसदी दरोगा ओएमआर शीट में गड़बड़ी कराकर पास हुए थे।

प्राथमिक पड़ताल के बाद एसटीएफ भी ऐसे कई दरोगाओं के नामों की सूची विजिलेंस को सौंप चुकी है।

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