रामनगर-सेना पदक विजेता की वीरांगना पत्नी को राष्ट्रीय खिलाड़ी द्वारा किया गया सम्मानित।

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दिनांक 18 अक्टूबर को भारत-पाक युद्ध 1971 के दौरान शहीद हुए हवलदार मनीराम शर्मा की वीरांगना पत्नी श्रीमती किशोरी देवी को प्रतिष्ठित कवि व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे अनिल सारस्वत द्वारा सम्मानित किया गया। भारत-पाक युद्ध के समय हवलदार मनीराम शर्मा अपनी यूनिट 55 इंजीनियर रेजीमेंट के साथ पठानकोट में तैनात थे। 5 दिसम्बर 1971 की रात्रि 2 बजे पाकिस्तानी फाइटर विमानों ने ताबड़तोड़ हमला कर दिया जिसमें बहुत से सैनिक प्रतिष्ठान, चौकियां व बंकर तबाह हो गए। मनीराम अपने 30 साथियों के साथ बंकर में पहरे पर मुस्तैद पहरा दे रहे थे, तभी उनके आसपास हवाई हमला हो गया। उनकी नजर जब मैंदान पर पड़ी तो उनकी यूनिट के अधिकारी व जवान इधर उधर घायलावस्था में तड़फ रहे थे। हवलदार मनीराम शर्मा अपने बंकर से तुंरत निकल गए और अपने घायल साथियों को अपने कंधे पर लादकर सुरक्षित स्थान ले जाने लगे। इस तरह उन्होंने 15 जवानों की जान बचा ली। तभी फिर से हवाई हमला हो गया। मनीराम शर्मा को फिर से भारतीय जवानों की चीखें सुनाई दी इनमें उनकी यूनिट के वे दो जवान भी थे जिन्हें मनीराम ने ट्रेनिंग भी दी थी। मनीराम शर्मा अपने आप को रोक न सके और अपनी जान की परवाह न करते हुए उन्होंने दोनों घायल जवानों को कंधों पर उठा लिया तभी पुनः हवाई हमला हो गया और मनीराम शर्मा बुरी तरह से घायल हो गए। मगर तब तक वे अपने दोनों घायल जवानों को सुरक्षित स्थान पर ला चुके थे। परंतु अत्यधिक रक्तश्राव के कारण मनीराम युद्धभूमि पर गिर गए और अपनी मातृभूमि के लिए शहीद हो गए। मनीराम शर्मा के उत्कृष्ट साहस और कर्तव्यपरायणता के लिए महामहिम राष्ट्रपति द्वारा उनकी वीरांगना पत्नी किशोरी देवी को सेना पदक (मरणोपरांत) पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सैनिक संगठन के अध्यक्ष सूबेदार मेजर नवीन पोखरियाल, उपाध्यक्ष सूबेदार मेजर कुलवंत रावत, पूर्व उपाध्यक्ष नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक महिपाल डंगवाल, शहीद मनीराम शर्मा के पुत्र हवलदार अजय शर्मा, बहू उर्मिला शर्मा, पौत्र दीपक शर्मा व पौत्री वैष्णवी उपस्थित थे।

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