उत्तराखंड में विकास की एक बड़ी परियोजना पर जल्द काम शुरु हो सकता है। ये परियोजना अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी। इस परियोजना के लिए स्वीकृति भी मिल चुकी है।
उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य में विकास की योजनाओं को अमली जामा पहनाने की कोशिश में लगी है। इसी के तहत अब तक लगभग उपेक्षित पड़ी टिहरी झील में बड़े स्तर पर पर्यटन गतिविधियों को शुरु किया जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार ने टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थर के तौर पर विकसित करने के लिए 1800 करोड़ रुपए की योजना तैयार की है। इसे एशियन डेवलपमेंट बैंक और ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक की मददे से तैयार किया जाएगा।
इस परियोजना के तहत नई टिहरी में कोटी कालोनी, तिवाड़ गाँव, डोबरा चांटी, टिहरी झील, मदन नेगी को क्लस्टरों के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा टिहरी झील में चार जगहों पर वाटर स्पोर्ट्स संबंधी केंद्र भी बनाए जाएँगे। टेंट कॉलोनी, कोटी कॉलोनी से डोबरा-चांटी तक पर्यटन रोड का निर्माण किया जाना भी इस परियोजना में शामिल है।
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस परियोजना से टिहरी झील उत्तराखंड के ब्रांड पर्यटन स्थल के तौर पर स्थापित होगी। इसके साथ ही राज्य के लगभग 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 2 लाख परिवारों को फायदा पहुंचाएगी।
पर्यटन विभाग ने इस परियोजना में पर्यावरण को लेकर भी पूरी सतर्कता बरतने की तैयारी की है। पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए ग्रामीण क्षेत्र को आर्गेनिक होमस्टे के रूप में विकसित किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस परियोजना के तहत एक रिंग का निर्माण भी होना है। रिंग रोड के प्रस्ताव को नीति आयोग ग्रामीण विकास मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के समर्थन के बाद वित्त मंत्रालय से भी स्वीकृति मिल गई है।
इस परियोजना के तहत टिहरी के ऐतिहासिक महत्व को सहेजने के और बेहतर प्रयास किए जाएंगे। पर्यटकों के टिहरी आवास की औसत अवधि को बढ़ाने का प्रयास भी होगा। इसके साथ ही पर्यटक टिहरी के इतिहास को करीब से देख पाएंगे।