उत्तराखंड में किशोरी के साथ लंबे समय तक दुष्कर्म के मामले में अपर जिला जज/फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश चंद्रमणि राय ने आरोपी युवक को दोषी करार दिया है। आरोपी युवक को 20 वर्षों की कठोर सजा और 15,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
यह मामला हरिद्वार जिले में
19 अक्टूबर 2019 को शुरू हुआ जब आरोपी युवक ने किशोरी को बहला-फुसला कर अपने साथ ले गया। आरोपी पहले से ही विवाहित था और उसके चार बच्चे भी थे। किशोरी अपने घर से 10,000 रुपये नगद, दो सोने के आभूषण, तीन चांदी के आभूषण और एक मोबाइल फोन लेकर गई थी।किशोरी के घर वापस नहीं लौटने पर उसके परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। पुलिस ने पीड़िता के पिता की शिकायत पर आरोपी गुलफाम, पुत्र कय्यूम निवासी ग्राम लालढांग थाना श्यामपुर के खिलाफ केस दर्ज किया। एक साल बाद पुलिस ने आरोपी को दिल्ली से पकड़कर किशोरी को उसके कब्जे से बरामद किया। पीड़िता ने पुलिस और अपने परिजनों को बताया कि आरोपी ने उसे बहला-फुसलाकर ले जाकर लगातार दुष्कर्म किया और उसके गर्भवती होने का कारण बना। पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया और उसने आरोपी की पुत्री को जन्म दिया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया और सरकारी पक्ष ने आठ गवाहों के साथ साक्ष्य प्रस्तुत किए। कोर्ट ने इन सब परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दोषी युवक को सजा सुनाई और न्याय सुनिश्चित किया।