आखिरकार सरकारी विद्यालय हेतु भी आदेश जारी
कक्षा एक में दाखिले को लेकर उम्र सीमा का था मामला।
प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पब्लिक स्कूलों की भांति कक्षा एक में प्रवेश को लेकर नर्सरी एलकेजी एवं यूकेजी की तर्ज पर ही आंगनवाड़ी एवं बाल वाटिका को भी शामिल कर लिया गया है इस बाबत आज परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखंड द्वारा संशोधित आदेश जारी कर दिए गए।
उल्लेखनीय है की पूर्व में उत्तराखंड शासन के एक निर्णय के क्रम में कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र सीमा 5 वर्ष के स्थान पर बढ़कर 6 वर्ष कर दी गई थी जिसको लेकर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक में नवीन छात्र नामांकन शून्य के कगार पर पहुंच चुका था जिसको लेकर उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री सहित शासन एवं विभाग के उच्च अधिकारियों को हस्तक्षेप कर आयु सीमा में पूर्व की भांति शिथिलता दिए जाने की मांग प्रमुखता से उठाई जिस पर सरकार द्वारा आयु सीमा पूर्व की भांति किए जाने का संशोधित शासनादेश जारी कर दिया गया परंतु इस आदेश में आयु सीमा छूट का लाभ केवल मान्यता प्राप्त विद्यालय में नर्सरी एलकेजी एवं यूकेजी में अध्यनरत बच्चों हेतु ही किया गया था जिससे राजकीय विद्यालयो में प्रवेश को लेकर अभिभावकों एवं शिक्षकों में भारी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।
इसके चलते पुनः प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा शासनादेश में संशोधन हेतु लगातार प्रयास किए जाते रहे और इस क्रम में राज्य परियोजना निदेशक बंशीधर तिवारी द्वारा संशोधित आदेश जारी करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( NEP 2020) का हवाला देते हुए आंगनबाड़ी एवं बाल वाटिका को भी सम्मिलित कर दिया गया।
राजकीय शिक्षक संगठन के प्रांतीय पदाधिकारी मनोज तिवारी द्वारा इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे प्रारंभिक शिक्षा की जीत बताया है।