देहरादून। कॉर्बेट हलचल
देशभर में राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के संरक्षित वन की सीमा से कम से कम एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के निर्माण और खनन पर सुप्रीम कोर्ट ने तीन जून को दिए अपने एक फैसले में रोक लगा दी थी। उत्तराखंड सरकार अब इस मामले में संशोधन के लिए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल करेगी। बता दें कि जिम कॉर्बेट पार्क से सटे रामनगर में ईको सेंसेटिव जोन के चलते पर्यटन के कई प्रोजेक्ट रुके पड़े हैं।
वन्य जीव बोर्ड बैठक में फैसला
इसके लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से पैरवी के लिए विशेष अधिवक्ता की नियुक्ति की जाएगी। उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस मामले में केंद्र सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुकी है। बैठक में बताया गया कि कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में कई तरह की व्यवहारिक दिक्कतें खड़ी होंगी। लोगों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। राज्य के पर्यटन, खनन और अन्य विकास योजनाओं पर भी इसका असर पड़ेगा।
समिति कर रही विस्तृत अध्ययन बैठक में बताया गया कि इस संबंध में सरकार की ओर एक समिति का गठन कर विभिन्न पक्षों का विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। कोर्ट ने इस मामले में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य वन संरक्षक को ईएसजेड के भीतर मौजूद सभी निर्माणों की सूची तैयार करने और कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करने