देहरादून। कॉर्बेट हलचल
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में पैदा होने वाला मोटा अनाज (मंडुवा) की खरीद अब केंद्र सरकार करेगी। प्रदेश सरकार ने केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को फसल वर्ष 2022-23 के लिए मंडुवा की खरीद का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
बकौल सीएम, केंद्र सरकार के इस फैसले से राज्य के पर्वतीय जिलों के किसानों को बहुत फायदा होगा। बताया गया कि पहले चरण में 9600 मीट्रिक टन मंडुवा की खरीद की जाएगी। इससे सरकार पर 45 करोड़ का व्ययभार आएगा। राज्य में मंडुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3574 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित है। इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, मंडी परिषद, सहकारी समितियों, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें जिलाधिकारियों की विशेष भूमिका रहेगी।
मिड डे मील व राशन की दुकानों पर मिलेगा
मडुवा, पौष्टिकता से भरपूर होता है। अब सरकार किसानों से खरीदकर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों के साथ अन्य लोगों को इसे उपलब्ध करा सकेगी। इससे राज्य के किसानों की आय में बढ़ोतरी तो होगी ही, साथ ही स्कूली बच्चों और जरूरतमंदों को पौष्टिक आहार भी मिल सकेगा।
सबसे पहले अल्मोड़ा और पौड़ी में शुरू होगी योजना
प्रथम चरण में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पायलट योजना के तहत दो जिलों अल्मोड़ा और पौड़ी के किसानों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडुवा खरीद योजना लागू की जाएगी। क्रय किए गए मडुवा को ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून और नैनीताल में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बांटा जाएगा।
ऐसे चलेगी योजना
1. चारों जिलों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लगभग आठ लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।
2. प्रतिमाह प्रतिकार्ड एक किलो मंडुवा निशुल्क दिया जाएगा।
3. अल्मोड़ा जिले में संचालित 20 क्रय केंद्रों और पौड़ी में 11 केंद्रों पर क्रय किया जाएगा।
4. सार्वजनिक वितरण प्रणाली से यह लाभार्थियों को बांटा जाएगा।
पहाड़ी अनाजों का राजा है मडुवा
उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में उगाया जाने वाला मडुवा पौष्टिकता का खजाना है। यहां की परंपरागत फसलों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। राज्य की कुल कृषि योग्य भूमि का 85 फीसदी भाग असिंचित होने के बावजूद यहां इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। मंडुवा हृदय व मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक होता है। इसमें पर्याप्त पोषक तत्व होने की वजह से यह कुपोषण से बचाने में भी मददगार होता है।


