बिग ब्रेकिंग- Uttrakhand STF ने बजाज एलाईन्ज की बन्द पडी पालिसी को पुर्नजीवित करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्य को किया गिरफ्तार

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साईबर थाना देहरादून/एसटीएफ उत्तराखण्ड देहरादून ने बजाज एलाईन्ज की बन्द पडी पालिसी को पुर्नजीवित करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्य को किया गिरफ्तार

बन्द पड़ी बीमा पोलिसी को जारी रखने हेतु IRDAI, NPCI और बीमा लोकपाल से बताकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा
साईबर थाने के 24 लाख की धोखाधड़ी के मामले में गिरोह का मुख्य सरगना राष्ट्रीय साईबर अपराधी को किया नोएडा से गिरफ्तार

मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशो के क्रम में प्रदेश के निवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा जनता से ठगी करने वालो पर सख्ती कार्यवाही कर पुलिस महानिदेशक द्वारा एसटीएफ व साइबर पुलिस को प्रभावी कार्यवाही हेतु दिशा निर्देश दिये गये है ।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 श्री नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि वर्तमान में साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु अपराध के नये-नये तरीके अपनाकर धोखाधड़ी कर रहे है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा IRDAI, NPCI और बीमालोकपाल के नाम का उपयोग कर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही है ।

इसी क्रम में एक प्रकरण में साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर शिकायत प्राप्त हुयी जिसमें जोशीमठ चमोली निवासी शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत दर्ज करायी कि कुछ वित्तीय कारणों से उनके द्वारा चलायी जा रही पॉलिसियों को जारी रखने में असमर्थ होने पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा अज्ञात मोबाईल से कॉल कर स्वंय को  I.G M.S./IRDA Delhi Head Office का फाईल मैनेजर बताते हुए अवगत कराया गया कि पॉलिसी एजेंट द्वारा उनको गुमराह किया गया है जांच करने पर जिसमें आपको रकम वापस की जानी है जिसकी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आपकी राशि वापस कर दी जाएगी । औपचारिकताओं की इस प्रक्रिया के दौरान अज्ञात व्यक्तियों द्वारा विभिन्न बैंक खातो में धोखाधड़ी से कुल 24,65,253/- जमा करवाने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून उत्तराखण्ड पर मु0अ0स0 76/2024 धारा 420/120बी भादवि व 66 डी आईटीएक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना निरीक्षक श्री त्रिभुवन रौतेला के सुपुर्द की गयी।

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अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा विस्तृत तकनीकी जांच के बाद संदिग्ध अभियुक्त का दिल्ली, उ0प्र0 व नोएडा से सम्बन्ध होना पाया गया जिसमें दिनांक 06.12.24 को गैर प्रान्त उ0प्र0, दिल्ली, हरियाणा रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में अभियुक्त मनोज जायसवाल पुत्र रामसागर निवासी बी-84 भाग्य विहार, मुबारकपुर दिल्ली उम्र -34 वर्ष को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त 01 मोबाईल फोन OPPO मय सिम, 16 Airtel सिम, 08 टेलीफोन बॉक्स, 02 टेलीफोन, 01 सैन्ट्रल बैंक का कागज बरामद किया गया ।

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अपराध का तरीका:-
अभियुक्त द्वारा कॉल सैण्टर के माध्यम से अपने साथियों के साथ मिलकर जो व्यक्ति पोलिसी चलाने में असमर्थ हैं व पॉलिसी का प्रयोग नहीं कर रहे हैं उन व्यक्तियों की निजी जानकारी प्राप्त कर उनको विभिन्न माध्यमों से सम्पर्क करते हुए उनकी पॉलिसी की धनराशि उनको वापस करने का लालच देकर व IRDAI, NPCI और बीमालोकपाल के नामों का प्रयोग करते हुए  अपराध कारित किया जाता है ।

गिरफ्तार अभियुक्त का नामः-
1. मनोज जायसवाल पुत्र रामसागर निवासी बी-84 भाग्य विहार, मुबारकपुर दिल्ली उम्र -34 वर्ष

बरामदगीः-
1. 01 मोबाईल फोन OPPO मय सिम,
2. 16 Airtel सिम,
3. 08 टेलीफोन बॉक्स,
4. 02 टेलीफोन,
5. 01 सैन्ट्रल बैंक का कागज

पुलिस टीमः- (साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून उत्तराखण्ड)
1- निरीक्षक श्री त्रिभुवन रौतेला  
2- उ0नि0 कुलदीप टम्टा 
3- उ0नि0 राहुल कापड़ी
4- कानि0 सोहन बडोनी
5- कानि0 शुभम चौधरी

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री नवनीत सिहं द्वारा जनता से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट एक स्कैम है जो वर्तमान में पूरे भारत वर्ष में चल रहा है, कोई भी सी0बी0आई0 अफसर, मुम्बई क्राईम ब्रान्च, साइबर क्राइम, IT या ED अफसर या कोई भी एजेंसी आपको व्हाट्सएप के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करने हेतु नोटिस प्रेषित नहीं करती है। साथ ही कोई व्यक्ति आपको फर्जी दस्तावेज, अवैध सामग्री आदि के नाम पर आपको डरा धमका रहा है या पैसों की मांग कर रहा है तो इस सम्बन्ध में STF/साइबर थानों में अतिशीघ्र अपनी शिकायत दर्ज करायें। उक्त सम्बन्ध में ज्यादा से ज्यादा जागरुक हों। इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने/ बन्द पडी पालिसी को पुर्नजीवित करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन कम्पनी की फ्रैन्चाईजी लेने, यात्रा टिकट आदि को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से पूर्ण वैरीफिकेशन व भली-भाँति जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर का नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें । अगर आपको ऐसी ही कोई कॉल या मैसेज आए तो इसकी शिकायत जरूर करें। सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट पर चाक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। आप इस तरह की घटना की शिकायत 1930 साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर या http://www.cybercrime.gov.in पर भी दर्ज करा सकते हैं।

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