प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीकी चीतों को एमपी के कूनो में छोड़ा, तस्वीरें ली

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ग्वालियर। भारत के जंगलों में चीतों का इंतजार खत्म हो चुका है। करीब 11 घंटे का सफर के बाद भारत पहुंचे चीतों को   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार दोपहर कूनो में बनाए विशेष बाड़ों में छोड़ दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने कैमरे में तस्वीरें भी लीं।

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में शनिवार को अफ्रीकन चीतों को बाड़े में छोड़ने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी तस्वीरें कैमरे में कैद की।


चीतों में लगा है वीडियो कॉलर
बता दें कि पांच मादा और तीन नर चीतों को लेकर विमान ने नामीबिया की राजधानी होसिया से उड़ान भरी। मॉडिफाइड बोइंग 747 विमान से लाए गए इन चीतों में रेडियो कॉलर लगे हैं। इनमें दो नर चीतों की उम्र साढ़े पांच साल है। दोनों भाई हैं। पांच मादा चीतों में एक दो साल, एक ढाई साल, एक तीन से चार साल तो दो पांच-पांच साल की हैं।

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अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए चीतों को इन विशेष पिंजरे में कूनो नेशनल पार्क लाया गया।

क्वारंटाइन बाड़े में छोड़ा
नामीबिया से भारत लाए गए चीतों को प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा। बाद में मोदी ने इनकी तस्वीरें भी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी साथ थे। 


मोदी के जन्मदिवस पर दुनिया को सौगात
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देश के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए बहुत बड़ी सौगात दी जा रही है। विश्व में पहली बार चीतों का विस्थापन हो रहा है।  प्रधानमंत्री द्वारा अपने जन्मदिन पर छोड़े ये चीते, मध्य प्रदेश के लिए उपहार हैं जो यहां के वन्यजीवन को और समृद्ध करेंगे तथा पर्यटन और समृद्धि के नए द्वार खोलेंगे। 

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1948 में आखिरी बार देखा गया था चीता 
भारत में आखिरी बार चीता 1948 में देखा गया था। इसी वर्ष कोरिया राजा रामनुज सिंहदेव ने तीन चीतों का शिकार किया था। इसके बाद भारत में चीतों को नहीं देखा गया। इसके बाद 1952 में भारत में चीता प्रजाति की भारत में समाप्ति मानी गई। कूनो नेशनल पार्क में चीते को बसाने के लिए 25 गांवों के ग्रामीणों और 5 तेंदुए को अपना ‘घर’ छोड़ना पड़ा है. इन 25 में से 24  गांव के ग्रामीणों को दूसरी जगह बसाया जा चुका है। 

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